गणेश वंदना
बल,बुद्धि,विवेक के तुम ही दाता! मंगलमुर्ति हो मंगल कार्य विधाता!! शिव-गौरा सुत, लम्बोदर सुखदाई, मात-पितृ प्रदक्शिणा तुम्है लुभाता!! किए पराजित कार्तिकेय विवेक से, प्रथम पूज्य पद तुम्है सदा दिलाता!!
"सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया