विजय कुमार अग्रवाल Poetry Writing Challenge-2 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विजय कुमार अग्रवाल 22 Feb 2024 · 1 min read अंतिम सत्य यह जीवन तेरे कर्मों का, अंधेरा और उजियारा है। बुरे कर्म से बनता ये दुर्गम,सत्कर्म बनाएं इसको प्यारा है।। कल के बारे में सोच रहा जो,पाता वो अंधियारा है। आज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 172 Share विजय कुमार अग्रवाल 21 Feb 2024 · 1 min read नई नसल की फसल नई नसल की फसल ये मानव कैसी उगा रहा है। अपने पिता को बच्चा चलना सीखा रहा है ।। बिना सोचे समझे ही बच्चे क्या क्या बोल रहे हैं। नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 112 Share विजय कुमार अग्रवाल 20 Feb 2024 · 1 min read संयुक्त परिवार परिवार की परिभाषा धीरे धीरे क्यों बदल रही हैं। क्यों महल दुमहलों की सीमाएं अब सिमट रही हैं।। पहले परिवार में सब मिलजुलकर घर में ही रहते थे। जिसे गर्व... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 138 Share विजय कुमार अग्रवाल 20 Feb 2024 · 1 min read कोशिश कोशिश करना काम है तेरा, कोशिश करके ही हल निकलेगा। आज यदि तू रहा असफल,फल आज नहीं तो कल निकलेगा।। कर इतनी मेहनत तू धरा पर,तेरी मेहनत से जो पसीना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 120 Share विजय कुमार अग्रवाल 19 Feb 2024 · 1 min read नई रीत विदाई की बाबुल इस घर के सभी मेरे अपनों का मुझसे तुम प्यार ना छीनो। इस घर की दीपक मैं भी तो हूँ,मुझसे ये मेरा अधिकार ना छीनो।। लड़की का रूप पाया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 184 Share विजय कुमार अग्रवाल 18 Feb 2024 · 1 min read पिता पिता परिवार के आँगन में खड़ा,बरगद का ऐसा पेड़ हैं। जिसके दम पर पल जाते है, सब बच्चे बनकर शेर हैं।। बनकर हिम्मत परिवार की, हौंसला हर सदस्य का पिता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 185 Share विजय कुमार अग्रवाल 18 Feb 2024 · 1 min read बेटी की शादी बेटी की शादी बेटी की शादी का जबसे विचार, देखो मेरे मन में आया है। बदल गया है वातावरण हमारी धर्मपत्नी ने हमें बताया है।। बहू बेटा और बेटी दामाद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 101 Share विजय कुमार अग्रवाल 18 Feb 2024 · 1 min read अयोध्या धाम धन्य मान लो देखो भाई अपने अयोध्या धाम को। वर्षों बाद आख़िर पहुँचाया है हमने अपने श्री राम को।। प्रण लेना है भारत के अब देखो हर इंसान को। समय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 109 Share विजय कुमार अग्रवाल 16 Feb 2024 · 1 min read नारी तेरे रूप अनेक अलग अलग रूपों में नारी, इस जग में, अवतारी जाती है। किसी रूप में पूजी जाती है, किसी रूप में प्रताड़ी जाती है।। परिजनों के बीच में नारी माँ बेटी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 152 Share विजय कुमार अग्रवाल 16 Feb 2024 · 1 min read हिंदू सनातन धर्म विश्व पटल पर सनातन धर्म,क्यों सब धर्मों से उत्तम पाया जाता है। क्योंकि सनातन धर्म विश्व का,सबसे पुराना धर्म बताया जाता है।। आजकल हिंदू धर्म का डंका सारे,विश्व में प्रचारित... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 108 Share विजय कुमार अग्रवाल 15 Feb 2024 · 1 min read संविधान का पालन देश के संवैधानिक पदों की एक,बहुत ही सम्मानित गरिमा होनी चाहिये। जिसको सम्मान देने की आदत,देश के प्रत्येक नागरिक की होनी चाहिये।। संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति, जनता का प्रतिनिधि... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 127 Share विजय कुमार अग्रवाल 14 Feb 2024 · 1 min read जिंदगी कहते हैं सब लोग ज़िंदगी जीवन में,नहीं मिलती है किसी को दुबारा। बस एक ज़िंदगी और एक ही जीवन,इसे सँवारो मिलकर सबसे प्यारा।। ज़िंदगी की हर अवस्था को जिसने,अच्छे कार्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 157 Share विजय कुमार अग्रवाल 14 Feb 2024 · 1 min read सच और झूँठ झूठें और बेईमान व्यक्ति जब,मीठे मीठे प्रसंग सुनाते है। जानते हैं सब फिर भी सबके,मन को बहुत वो भाते हैं।। झूँठ वाला लाखों के बीच हमेशा अकेला पाया जाता है।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 120 Share विजय कुमार अग्रवाल 12 Feb 2024 · 1 min read मानवता मत करना विश्वास कभी भी,चापलूस और गद्दारों पर। हर व्यक्ति को चलना होता है,केवल अपने ही पैरों पर।। भार कभी नहीं पड़ने देना ,अपनों का कभी गैरों पर। साथ सभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 143 Share विजय कुमार अग्रवाल 12 Feb 2024 · 1 min read वक़्त जीवन की यात्रा में हर व्यक्ति,यदि खोता है कुछ तो पाता भी है। कभी बुरा वक़्त कभी अच्छा वक़्त,हर व्यक्ति के जीवन में आता भी है।। कौन है अपना कौन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 116 Share विजय कुमार अग्रवाल 11 Feb 2024 · 1 min read चुनाव चालीसा समय आ गया है वीरों,अब यह करके तुम्हें दिखाना है। भारत की गरिमा की खातिर,अब फिर से कमल खिलाना है।। बन चौकीदार जिस नायक ने भारत का मान बढ़ाया है।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 146 Share विजय कुमार अग्रवाल 11 Feb 2024 · 1 min read नफ़रत क्या कर सकते हो ज़रा सोचो,नफरत को कैसे मिटा तुम सकते हो। हर दिल में जो जबरन धड़क रही है,क्या इसको हटा तुम सकते हो।। भाई भाई के खड़ा विरुद्ध... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 175 Share विजय कुमार अग्रवाल 10 Feb 2024 · 1 min read दृढ़ निश्चय कोशिश करना छोड़ मत बन्दे,कोशिश कर कर फल निकलेगा। मेहनत तेरी रंग लायेगी बन्दे,फल आज नहीं तो कल निकलेगा।। रख विश्वास तू अपने मन पर,तू जो चाहेगा वही कर निकलेगा।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 140 Share विजय कुमार अग्रवाल 10 Feb 2024 · 1 min read इंसान सबसे बुद्धिमान प्रजाति इस धरती पर इंसान है। मानसिक क्षमता का फ़ायदा उठाना उसके लिये आसान है।। क्षमताओं की कड़ी चुनौतियों का उसको होता पूरा ज्ञान है। संतुलन यदि बिगड़... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 138 Share विजय कुमार अग्रवाल 9 Feb 2024 · 1 min read खेलों का महत्व खेलों का महत्व मानसिक और शारीरिक विकास का खेलों से गहरा नाता है। संघर्ष करना और जीतना भी हमको खेल ही तो सिखलाता है।। सकारात्मक सोच से निहित खिलाड़ी सामाजिक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 221 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Feb 2024 · 1 min read संघर्ष संघर्ष जब जब जीवन में संघर्ष तुम्हारे आया, संग अपने वह कठोर संकेत यह लाया। जिसने जमकर किया सामना संघर्षों का, उसने ही तो अपना अंतिम लक्ष है पाया।। विजय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 135 Share विजय कुमार अग्रवाल 7 Feb 2024 · 1 min read मनुष्य प्रवृत्ति तन पे ना कपड़ा मन पे ना स्मृति, जब पैदा हुआ इंसान था। ख़ाली मस्तिष्क और ख़ाली मुट्ठी, उसको भेजने वाला भगवान था।। चींख चींख़ कर बता रहा बालक, मैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 134 Share विजय कुमार अग्रवाल 6 Feb 2024 · 1 min read मेरा शहर शहर शहर और देश विदेश भी घूम लिया मैं इतने साल। वापस आकर कुछ दिन रुक कर देखा जो अपने शहर का हाल।। कुछ तो बदल गया है शहर भी,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 142 Share विजय कुमार अग्रवाल 4 Feb 2024 · 1 min read गांधीजी का भारत कितने ही लोगों ने भारत की आजादी में अपना जीवन बलिदान दिया। फिर किसने कैसे और क्यों गांधीजी को राष्ट्रपिता का नाम दिया।। बोस बिस्मिल भगत दयानंद जैसे कितनों ने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 161 Share विजय कुमार अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read सुहासिनी की शादी आप और हम हैं यहाँ पर, क्योंकि दिन है बहुत यह ख़ास। विवाह बंधन में बंधने जा रही है, प्यारी लाड़ली सबकी सुहास।। तारों में भी चहल पहल है कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 117 Share विजय कुमार अग्रवाल 28 Jan 2024 · 1 min read गणतंत्र दिवस कितने वीरों ने बलिदान दिए, कितनों ने अपनी ज़ान गवाईं थी। तब कहीं जाकर देश ने वर्षों में, अपनी आज़ादी की ख़ुशी मनाई थी।। सन् 50 में संविधान जो लिखा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 125 Share