Vedha Singh Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read चम-चम चमके चाँदनी चम-चम चमके चाँदनी, चाहे चाँद चकोर। चीख-चीख चातक चपल,चुप चंदा चितचोर।। चेतक चौकन्ना चला, चारा चरने खेत। चंपक चरवाहा चतुर, है चुपचाप सचेत। चुप-चुप-चुप चुपचाप चुप,चमगादड़ चहुँ ओर। चम-चम चमके... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 170 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read रुपयों लदा पेड़ जो होता , रुपयों लदा पेड़ जो होता , सोचो जीवन कैसा होता। नहीं जेब पे ताला होता , हर कोई पैसे वाला होता न कोई भूखा नंगा होता , जीवन कितना चंगा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 152 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read गाय रोम-रोम में देव बसे है ,गाय हमारी माता है। परम पूज्य पाप हारिणी माँ, सबसे परम् पुनीता है। दूध-दही घी-मक्खन औषधि , सकल रूप गुणकारक है। स्वस्थ प्रदायक , मंगल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 152 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read कबूतर करे कबूतर गुटर-गुटर गूँ | सबसे प्यारा मैं दिखता हूँ| धवल सफेद सलेटी काला| लगता हूँ मैं भोला-भाला| जब उड़ता हूँ बनती माला| इंसानों ने भी है पाला| बालकनी में... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 146 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read दिनकर/सूर्य सात रंग का घोड़ा गाड़ी, जिस पे दिनकर करे सवारी। स्वर्ण प्रभा की डोरी थामे, जग में फैलाते उजियारी| मिटी शोहरत शशि की देखो, नष्ट समर में तम का घेरा|... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 129 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read बात पते की कहती नानी। आओ बच्चों सुनो कहानी| बात पते की कहती नानी| प्रात काल तुम जल्दी उठना। अच्छी-अच्छी पुस्तक पढना| मात पिता की सेवा करना। जीवन में तुम आगे बढ़ना। कभी नहीं करना... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 126 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ| हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ| तन-मन को तुम स्वस्थ बनाओ| पालक, मेथी, बथुआ खाओ, काले लंबे बाल बनाओ| गोभी, गाजर, भिंडी खाकर, लंबे लंबे तुम हो जाओ| हरी भरी तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 186 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read बचपन लगे मासूम सा बचपन, बड़ा भोला निराला है| बहुत नादान नटखट सा, भरा मुख पे उजाला है| उड़े मन बादलों पर ये,सुगंधित हैं सभी बातें| नहीं चिंता ज़माने की, खुशी... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 134 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read पुस्तक पुस्तक में है ज्ञान समंदर| बंद करो मस्तक के अंदर| मात शारदे इसमें रहती| वेदों की ये गाथा कहती| पुस्तक को रखो सम्भाल कर| रोज़ पढ़ो गठ्ठर निकालकर| सीखो सही... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 158 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read देव दीपावली आज देव दीपावली,लाई खुशी हजार । दीपों की लड़ियाँ सजी, रौशन है घर-बार।। जग-मग कर चमके जगत, दूर अँधेरा आज। दीपों का उत्सव मना, करते सब शुभ काज।। फूलों रंगों... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 126 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read इंटरनेट इंटरनेट का ये जहाँ, लगे हुए सब लोग| आँखों पर ढक्कन लगा, हुए करोड़ों रोग|१| खाना सोशल मीडिया, वॉट्सैप है नीर। रिश्ते-नाते खो दिये,हालत है गंभीर|२| मिलना जुलना बंद अब,... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 198 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read चलो चलाए रेल। सब मिल जुल कर खेलते, इक सुंदर सा खेल। कांधे ऊपर हाथ रख, चलो चलाए रेल। आगे हो सबसे बड़ा, छोटा पीछे खेल। धीरे-धीरे सब चलो, करो न पेलम पेल।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 185 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read टॉम एंड जेरी मुझको है कार्टून में, जेरी बहुत पसंद। सोच रही हूँ आज मैं, लिख दूँ दोहा छंद।। जेरी छोटा सा मगर, बहुत बड़ा शैतान। टाँगे खींचे टॉम की,पर बनता नादान। एक... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 1 195 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read संकल्प नव मास ये आंग्ल वर्ष का, नव संकल्प लेने का दिन। मंगलमयी हो सबको ये, शुभकामना देने का दिन। हो भावना पुरुषार्थ की। नहीं कामना हो स्वार्थ की। लें संकल्प... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 117 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read अपने मन के भाव में। अपने मन के भाव में, खुद की करती खोज। शब्दों के मोती सजा मैं लिखती हर रोज़।। उड़ूँ कल्पना संग मैं, पकड़ कलम की डोर। अद्भुत अविरल ये छटा, करती... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 127 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read प्रथम किरण नव वर्ष की। प्रथम किरण नव वर्ष की, देती नवल उजास। हिम्मत,ताकत,जोश दे,एक अडिग विश्वास।। फैली चादर ओस की, मोती बिखरे पात। स्वप्न लिए सब नैन में, थिरक रहे हर गात।। नवल वर्ष... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 145 Share Vedha Singh 24 Jan 2024 · 1 min read ऋतु गर्मी की आ गई, 🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞 ऋतु गर्मी की आ गई, लेकर खुशी हज़ार। हम सब बच्चों के लिए, मस्ती की बौछार। गर्मी की छुट्टी पड़ी, हम सब करते मौज। धमाचौकड़ी कर रही, हम बच्चों... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 154 Share Vedha Singh 23 Jan 2024 · 1 min read हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से, घिरी घटा घंघोर| पेड़ संग में झूल रहे सब, पत्ते करते शोर| बादल करते घनर-घनर कर, बारिश का एलान| पक्षी उड़ते आसमान में, छेड़े मधुरम... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 147 Share Vedha Singh 23 Jan 2024 · 1 min read संगीत सातों सुर संगम करे, तब बनता संगीत| हो मुखरित सुर साधना, भरे हृदय में प्रीत| सुर की सरिता से सजे, अंतरमन का साज़| सुर, गति, लय, ताल से, गूँज उठे... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 139 Share Vedha Singh 23 Jan 2024 · 1 min read फूल खिले हैं डाली-डाली, ★★★★★★★★★★ फूल खिले हैं डाली-डाली, सभी ओर फैली हरियाली। प्रात काल की सूर्य किरण से, धरती पर छाई उजियाली। ★★★★★★★★★★ रंग बिरंगे फूल खिले हैं, लगते कितने प्यारे-प्यारे। धरती से... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 154 Share Vedha Singh 23 Jan 2024 · 1 min read नटखट-चुलबुल चिड़िया। इक थी नन्ही सी प्यारी सी , नटखट-चुलबुल चिड़िया। घर -आंगन में फुदक-फुदक कर , करती ता-ता थैया। तिनका-तिनका चुन कर लाती , फिर घोसला बनाती। अपने पंखों को फहराकर... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 218 Share Vedha Singh 23 Jan 2024 · 1 min read जग-मग करते चाँद सितारे । जग-मग करते चाँद सितारे ,सबको लगते कितने प्यारे। रोज शाम को लिए चांदनी , हँसते रहते नील गगन में। ओढ़ रात की काली चादर ,चाँद उतर आया आंगन में। ये... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 140 Share Vedha Singh 23 Jan 2024 · 1 min read बना चाँद का उड़न खटोला बना चाँद का उड़न खटोला मैं आसमान जाऊँगी, खेल खेलुँगी लुक्का-छुप्पी तारे तोड़ कर लाऊँगी। परियों संग चांद से उड़कर इक खास जगह मैं पहुँची, चॉकलेटी दुनिया थी वहाँ हर... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 187 Share Vedha Singh 23 Jan 2024 · 2 min read रात स्वप्न में दादी आई। ★★★★★★★★★★★★★★★★★★ कभी न दादी को है देखा। ऐसी क्यों किस्मत की रेखा। मगर स्वप्न में मिलने आती- आज लिखूँ मैं उसकी लेखा। ★★★★★★★★★★★★★★★★★★ श्वेत सुनहरी साड़ी पहने, रात स्वप्न में... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 125 Share Vedha Singh 23 Jan 2024 · 1 min read महाकाल भोले भंडारी| महाकाल भोले भंडारी, नीलकंठ बाघंबरधारी। मस्तक पर शीतल शशि शोभित, सिर पे गंगा करती मोहित। वैरागी कैलाशी शंकर, भैरव इनका रूप भयंकर। विरूपाक्ष हे कपालधारी, महाकाल भोले भंडारी। वामदेव सदाशिव... Poetry Writing Challenge-2 · गीत · चौपाई 164 Share