उमा झा Poetry Writing Challenge-2 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid उमा झा 22 Feb 2024 · 1 min read मेरी आकांक्षा सुन संस्कृति तुही है मेरी साक्षी, है तेरी माँ महत्वाकांक्षी । तु ही पूर्ण करेगी वह उद्देश्य, था जीवन का जो अवशेष । तुझे शिखर पर देखने की जिज्ञासा, करो... Poetry Writing Challenge-2 1 88 Share उमा झा 22 Feb 2024 · 1 min read होती जब वर्षा की कहर होती जब घमासान वर्षा की कहर दुबक दुबक कर बैठे सब अपने घर, होती जब घमासान वर्षा की कहर । समय समय पर बिजली कड़की, शांत चित वाली धरती भी... Poetry Writing Challenge-2 59 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक) शराब की दुकान (व्यंग्य व्यंजन ) सरकार से मिला एक फरमान, खुलेगी अब शराब की दुकान । नेता को आया सोते जागते सपना, शराब पीने वालों को न होते कोरोना... Poetry Writing Challenge-2 1 2 101 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 3 min read स्वर संधि की व्याख्या दो स्वर वर्णों की होती जब युगलबंदी, तब ही दिखती स्वर संधि । नवम, नागेन्द्र, बसुधैव, हिमालय, हैं कितने किसलय स्वर संधि के आलय । स्वर संधि के पांच भेद,... Poetry Writing Challenge-2 1 110 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read दूर करो माँ सघन अंधेरा दूर करो माँ सघन अंधेरा, जाने आया किस काल द्वार से, महाप्रलय, अट्टहास- अहंकार से, विध्वंस नृत्य किया घनघोर, क्रंदन, विलाप करता नित फेरा, दूर करो माँ सघन अंधेरा ।... Poetry Writing Challenge-2 86 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read आवाह्न स्व की!! आवाह्न स्व की! !!! हिन्दी दिवस का मचा है शोर, पढते- पढते हो गया संध्या से भोर, सच बता हे मनुज! क्या छलका नैना से नोर, क्या हुआ कभी, हृदय... Poetry Writing Challenge-2 121 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read बेगूसराय की हार-- बेगूसराय की हार हुई, या प्रकृति की अदृश्य मार पड़ी । कभी जल से भरा था यह क्षेत्र, आज बन गया क्षणिक इत्र, हम कैसे हैं स्वार्थी मित्र, मित्र हन्ता... Poetry Writing Challenge-2 76 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read है कौन सबसे विशाल बारंबार मन में उठता एक सवाल, है कौन सबसे विशाल? पूछा हमने शैल शिखर से, क्या है तू सबसे विशाल? कहा पर्वत हाँ दिखता हूँ विशाल, है पर इसका किस्सा... Poetry Writing Challenge-2 99 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति की गोद प्रकृति की गोद पूर्व काल से है उदघोषित, कभी न करना पर्यावरण प्रदूषित । वेद शास्त्र ऋचाएँ किया बखान, समझ वृक्ष पुत्र, हो कल्याण । हर एक वृक्ष है जीवन... Poetry Writing Challenge-2 56 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read समय की महत्ता समय किसी की ऊपज नहीं है, समय किसी से विवश नहीं है, समय का जिसने त्याग किया, जीवन भर जग का दुत्कार सहा, मत सोचो समय हमारे हाथों की कठपुतली,... Poetry Writing Challenge-2 53 Share उमा झा 19 Feb 2024 · 1 min read कब आओगे मनहर बसंत दिशा दिशा में है कोहरे का पहरा, निशदिन रहता चौकसी गहरा धूप बिचारी दिखा न पाए मुखरा ,सुनने वाला कौन है दुखरा, है जब सूरज नजर बंद, हो कैसे शीतलहर... Poetry Writing Challenge-2 1 163 Share उमा झा 19 Feb 2024 · 1 min read खा ले तितली एक निवाला खा ले तितली एक निवाला, आ जाएगा भालू काला- काला, चले रोप लें लम्बा पेड़, होगा उस पर टाॅफी- बिस्किट ढेर, होंगे इनके रेपर चमचम वाला, खा ले तितली एक... Poetry Writing Challenge-2 1 137 Share उमा झा 19 Feb 2024 · 1 min read भारत की --- हो अगर पुष्प खंडित भी कभी, सौरभ न खोना चाहिए, सदि-वदि के राग द्वेष में कांति न खोना चाहिए, जलती है जो अच्युत सी ज्योति, जग जन में भ्रांति न... Poetry Writing Challenge-2 1 66 Share उमा झा 15 Feb 2024 · 1 min read क्या बनाऊँ आज मैं खाना क्या बनाऊँ आज मैं खाना, मन को लगे जो अति सुहाना। घर में है रखा आलू, बैगन, गोभी, टमाटर, पालक साग, संग रखा है कई दाल का दाना, क्या बनाऊँ... Poetry Writing Challenge-2 116 Share उमा झा 15 Feb 2024 · 1 min read बोलो जय सिया राम नगर नगर में जाकर कह दो, ढोल नगाड़े बिगुल बजा दो, सब मिल सखियाँ मंगल गाओ, आऐंगे श्रीराम, बोलो राम राम, बोलो जय जय सिया राम। पावन धरणी निश्छल अंबर,... Poetry Writing Challenge-2 1 74 Share उमा झा 15 Feb 2024 · 1 min read आशीष तेरा जीवन हो सफल, यशगान करे सम्पूर्ण अचल। तू स्वस्थ रहे दीर्घायु रहे, काया रहे सदा निश्छल। जिस धरणी की तू ऋणी, कृतज्ञ पुष्प हर पांत खिलाती चल। ... Poetry Writing Challenge-2 1 153 Share