Sunil Suman Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sunil Suman 30 Jan 2024 · 1 min read आखिर क्यों ... एक दिन बैठा हुआ था, मैं जाने किस सोच में ? चल पड़ा फिर पार पथ पर, जाने किसकी खोज में ? पर न था कुछ भी सिवाय, धुन्ध के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 143 Share Sunil Suman 28 Jan 2024 · 2 min read खता तो हुई है ... खता तो हुई है, मगर सिर्फ इतनी, न तुम हमको समझे, न हम तुमको समझे, खता तो हुई है … मैं जिंदगी के हर इक मोड़ पर , सफल से... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 96 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read कठिन बुढ़ापा... हाय बुढ़ापे तू क्यों आया जैसे बिन मौसम बरसात, अभी उमंगे जवां थी दिल में अभी वक्त था मेरे साथ, अभी-अभी तो भरी जवानी गई छोड़कर मेरा साथ, अभी तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 150 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read मधुर जवानी बीता बचपन,आई जवानी ज्यों प्रसून पर छाई बहार, सब कुछ सुंदर लगे धरा पर अंखियों में छा गया खुमार, चले झूमते मस्ती में यूँ जैसे सिंह कोई वन में, घूम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 109 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read नन्हा मुन्ना प्यारा बचपन नन्हा मुन्ना प्यारा बचपन सबसे से सुंदर लगता था, मां की गोद की सबसे बढ़कर, और नहीं कुछ जंचता था, पिछवाड़े खेला करते हम नित उठ आंख मिचोली, मिश्री सी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 177 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read मेरे मन की मृदु अभिलाषा मेरा देश महान बने ... मेरे मन की मृदु अभिलाषा, मेरा देश महान बने, कल तक था सोने की चिड़िया, अब हीरों का हंस बने, गंगा, जमुना और सरस्वती, फिर अमृत जल भर लायें, शस्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 111 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read यह देख मेरा मन तड़प उठा ... यह देख मेरा मन तड़प उठा, हालत क्या हुई समाज की ? अब खून की कीमत कुछ न रही ! कीमत बढ़ गई मद्यपान की, यह देख मेरा मन तड़प... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 156 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read ओ मेरे दाता तेरा शुक्रिया ... ओ मेरे दाता तेरा शुक्रिया, तोहफा दिया अभाव का, समझ सका मैं पाकर जिसको, अच्छा क्या ? खराब क्या ?, कैसी होती भूख पेट की ? कैसे तड़पे पय बिन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 85 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read न रोको यूँ हवाओं को ... न रोको यूँ हवाओं को, बहती हैं, तो बहने दो, करके रोशन दिशाओं को, शमा जलती है, तो जलने दो । नहीं रह पातीं हैं यादें, किसी की भी हर... Poetry Writing Challenge-2 61 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read हाय हाय री आधुनिकी ... हाय हाय री आधुनिकी, यह तूने क्या क्या कर डाला, मानव से मानव के प्रेम को तूने बिल्कुल छीन ही डाला, हाय हाय री आधुनिकी, यह तूने क्या क्या कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 67 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है ... मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है, कोई माने, ना माने, ये दिल को दर्द देती है, ये कोई माने ना माने, मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है, कोई माने ना माने … बसा हो... Poetry Writing Challenge-2 135 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read देश सोने की चिड़िया था यह कभी ... देश सोने की चिड़िया था यह कभी, आज क्या है कोई सोचता ही नहीं, कभी बहतीं थी नदियां यहाँ दूध की, आज पीने को जल भी मयस्सर नहीं, आज जनसंख्या... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 54 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read राजनयिक कुछ राजनीति के... राजनयिक कुछ राजनीति के, आज डरा रहे हैं जनता को, जनता बेचारी भयाक्रांत हो, कोस रही है किस्मत को, किस्मत भी करे, करे तो क्या, उसका भी इन पर जोर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 114 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए... सारे जग को मानवता का, पाठ पढ़ाकर चले गये, देश प्रेम सच्चे अर्थों में, सबको सिखाकर चले गये… कैसे जीता जाता है दिल, बिना किसी आडम्बर के, विजय चूमती कदम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 178 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ... तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का, दो धागे नहीं पहचान इसकी, कुदरत ने किया है एक हमें, सच्चाई यही इस जीवन की, तेरा मेरा साथ जीवन भर का, दो धागे नहीं पहचान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 150 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read “अर्थ” बिना नहीं “अर्थ” है कोई ... “अर्थ” बिना नहीं “अर्थ” है कोई, जीवन और जवानी का, ज्यों उद्देश्य बिन “अर्थ” न कोई, कविता और कहानी का। “अर्थ” बिना रिश्तों से प्रेम भी, उड़ जाता जैसे कपूर,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 133 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read उठो नारियो जागो तुम... उठो नारियो जागो तुम, और न अब इन्तजार करो, जोर-जुल्म अन्याय-नीति का जमकर तुम प्रतिकार करो, उठो नारियो जागो तुम … नहीं किसी से कम हो तुम, कैसे तुम यह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 2 108 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read इस देश की हालत क्या होगी ... ? पल पल पर यही सोच सोच, मेरे मन में कसक सी उठती है, सांसों की गति भी रूक रूक कर, अति कातर स्वर में कहती है, कुछ सोच जरा हे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 128 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read निज कर्तव्य निभाना है बीज बोया तंतु निकले, कोपलों के बीच से, लघु लतिका में वृद्धि जगाई, अमृत जल ने सींच के, लगा समीर सरकने सर सर, मन में नव उल्लास लिए, खड़ी रश्मियाँ... Poetry Writing Challenge-2 1 2 82 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read किस पर करूं यकीन ... किस पर करूं यकीन, किसे मैं अपना बोलूं, मन भीतर गम की गांठ, सामने किसके खोलूं …? मैंने हर रिश्ते को चाहा, जी भर भर के, पाला पोसा सदां, मुसीबत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 85 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read आजकल तन्हा हूं मैं ... आजकल तन्हा हूं मैं, एक साथी चाहिए… जो सुन सके, सुना सके, समझ सके समझा सके, अपने मन की कह सके, मेरे मन की सुन सके, बिन वजह बिगड सके... Poetry Writing Challenge-2 68 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 2 min read इस कदर मजबूर था वह आदमी ... इस कदर मजबूर था वह आदमी, कि जिंदगी भर जिंदगी से जुस्तजू करता रहा, न खुद कभी सोया चैन से, न जिंदगी को ही सोने दिया, इस कदर मजबूर था... Poetry Writing Challenge-2 128 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 2 min read हाय! मुई मंहगाई तूने ... हाय! मुई मंहगाई तूने, क्या कर दिया कमाल? तेरी महिमा लिखते लिखते, हम भी हुए फटेहाल। हाय! मुई मंहगाई तूने, क्या कर दिया कमाल ? … आलू हुआ फूल कर... Poetry Writing Challenge-2 67 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read हम सब भारतवासी हैं ... हम सब भारतवासी हैं, भारत को एक बनायेंगे, ऊंच-नीच का भ्रम मिटाकर, सब समान बन जायेंगे। जन्म लिया मानव के रूप में, मानव ही कहलायेंगे, धर्म, जाति के जाल में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 113 Share Sunil Suman 27 Jan 2024 · 1 min read जिन्दगी खूबसूरत है ... जिंदगी खूबसूरत है, बशर्ते जान ले कोई, यहाँ सारे ही अपने हैं, बशर्ते मान ले कोई .... किसी भी धर्म, जाति का, है इन्सां, इन्सां ही रहेगा, अगर जाॅचो किसी... Poetry Writing Challenge-2 92 Share