डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 25 Jan 2024 · 1 min read पिता जी तुम मुझे अक्सर याद आते हो तुम मुझे हर पल याद आते हो जब कभी उदास होता हूं किसी कारण हताश होता हूं मुझे मौन देखकर अपने में खोया जानकर... Poetry Writing Challenge-2 3 94 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 25 Jan 2024 · 1 min read विवश मन जब भी क्षितिज पर टिकती है मेरी नजर तो न जाने क्यों एक अद्भुत एहसास के साथ किसी अदृश्य की तलाश में प्रवृत्त होने को मन विवश हो जाता है... Poetry Writing Challenge-2 2 76 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 24 Jan 2024 · 1 min read मधुमास जीवन में मधुमास बने तुम , पतझड़ जब भी आया है पीड़ा जब जब हुई दानवी अधरों ने तुमको गाया है। कहने वाले कहते हैं तुमको पाना कठिन बहुत है,... Poetry Writing Challenge-2 2 79 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 24 Jan 2024 · 1 min read तुम्हारा आना तुम साधिकार जब आते हो अनायास अंतस पटल पर खिल जाते हैं अनंत प्रसून स्मरण कराते सदियों की आत्मीयता का जब भी तुम करीब होते हो सृजित होते हैं अनंत... Poetry Writing Challenge-2 2 116 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read मुखौटे आज मुखौटे धडाधड बिक रहे हैं क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को इनकी आवश्यकता है आज प्रत्येक का मूल्यांकन उसके मुखौटे के. आधार पर होता है सुन्दर, चिकने मुखौटे का दाम ज्यादा... Poetry Writing Challenge-2 2 58 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read तेरी हँसी इतनी जोर का अट्टहास मत कर तेरी हंसी में असंख्य लोगों का रुदन सुनाई देता है मुझको और फिर यह अमानवी हँसी तेरी अपनी भी तो नहीं अन्यथा तुझे मात्र... Poetry Writing Challenge-2 2 74 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read नदिया का नीर यह नदिया का नीर प्रिये इसे सतत बह जाने दो सुस्मित मुखी अद्भुत जिज्ञासा लिए हृदय में अतृप्त पिपासा सदियों से है गतिमान प्रतिपल हृदय में कोटि निर्माण मन भावों... Poetry Writing Challenge-2 2 144 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read शिक्षा मां उसे शैशव से जिगर का टुकड़ा कहती रही उसी की संवेदनाओं में वह प्रतिपल बहती रही अपने मुंह का निवाला खिलाया है उसको ममत्व के जल से हर रोज... Poetry Writing Challenge-2 2 68 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read पनघट के पत्थर कुछ यूं कहते हैं पनघट के घिसे पत्थर तुम क्यों अभिमान करते हो निरीह बेजुबा हैं जो उनकी जिंदा लाशों पर सीना तान चलते हो गर लगी वक्त की ठोकर... Poetry Writing Challenge-2 2 62 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read गज़ल सदियों का चेहरा आज फिर बदलना होगा। साहिल छोड़ तुमको गहरे में उतरना होगा।। तुम लाख देखते रहो आकाश के परिंदों को पंख बिना परवाज तो बस इक सपना होगा।।... Poetry Writing Challenge-2 2 77 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read विरह व्यथा आओ आज तुम्हें बतलाएं दोनों की है अजब कहानी एक था सागर इक नदिया थी दोनों की यह अमर कहानी एक दिन सागर कुछ यूं बोला नदिया रानी बात बताओ... Poetry Writing Challenge-2 2 72 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read जन्मों का नाता तुम मेरे चिर परिचित हो कई जन्मों से निहारता आ रहा हूं तुमको पुकारते पुकारते खो चुका हूं वाणी तुम्हें देखते देखते आंखें हो गई हैं अंतर्मुखी तुम्हारे स्मरण में... Poetry Writing Challenge-2 1 40 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read उसकी कहानी क्या कहीं काम मिलेगा क्या मालिक शाम को पैसे देगा काम न मिला तो क्या होगा इन सभी प्रश्नों के साथ उसकी सुबह होती है , शाम जब आता है... Poetry Writing Challenge-2 1 67 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read शोक-काव्य क्यों उसके पैरों को तुम घृणा की नजर से देखते हो , क्या !! उसके पैर मात्र घृणा के पात्र हैं ? नहीं !! उसके पैरों में पड़ी असंख्य बिवाइयां... Poetry Writing Challenge-2 1 73 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read विराट सौंदर्य तुम सच एक विराट सौंदर्य हो हर प्रकंप तुम्हारा है हर दृश्य तुम्हारा है विषद् श्वेत मेघ तुम्हारे हैं और विप्लव कर्ता मेघ भी तुम्हारे हैं। कभी निर्धनता में दर्श... Poetry Writing Challenge-2 1 90 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read चिरंतन सत्य आज गांव के सारे बच्चे चहकें चिड़िया छोड़ कर खलियान कुछ समय मेरे गांव में आ जाओ तुम बर्फ से ढके उत्तुंग शिखर छोड़ अकेले की शीतलता मेरे अंतस में... Poetry Writing Challenge-2 1 66 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read गज़ल जी भर के कल रात मुनगुनाया मुझसे । अब तक जो था हाल छुपाया मुझसे ।। शिकवा हमको भी हुआ खूब अपनी तन्हाई पर। मयखाने से आकर जो वह बतियाया... Poetry Writing Challenge-2 1 67 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read एक आकार एक आकार फितरत है पहचान तुम्हारी , फितरत जीवन का आधार । ‘गर फितरत है नेक तुम्हारी , दीवाना है सारा संसार । अपना और पराया जग में , फितरत... Poetry Writing Challenge-2 1 116 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read संजीवनी तुम कितनी सुंदर लगती हो जब छा जाती हो इस अनंत असीम गगन में अपनी मद भरी चांदनी लेकर मैं भी प्राया सुप्त छोड़ सारे जग को आ जाता हूं... Poetry Writing Challenge-2 1 49 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read रामू जिस दिन यह पता चला रामू चौकीदार को कि सड़क तो उसके घर से होकर निकल रही है और अब उसका घर उखाड़ दिया जाएगा उसके चेहरे पर चिंता की... Poetry Writing Challenge-2 1 99 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read माटी माटी माटी तेरे कितने रूप कितने ही तेरे प्रतिरूप अगणित गुणों को स्वयं समेटे रंग तेरे काया अनुरूप शून्य का पर्याय कभी तुम जीव जगत का बनती आधार तुमसे उपजे... Poetry Writing Challenge-2 1 159 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read मिलने को तुमसे मिलने को तुमसे…… काजल की बन कोर प्रिये, हम तुमसे मिलने आयेंगे। जीवन पथ पर चलते-चलते दो मोड़ कहीं चल पाएं हम, कर्मशील इस पथ पर बढ़ते , ओझल गर... Poetry Writing Challenge-2 1 114 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read घाव घाव बहुत अद्भुत हो तुम बचपन में मिले जब भी हम तेज भागे दौड़े बेतहाशा खोकर होश परंतु भर गए कुछ ही दिनों में वे घाव अब पता भी नहीं... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read तमाशा तमाशा अद्भुत होता है परंतु सत्य से परिपूर्ण यह समारोह सारी व्यस्तताओं के रहते भी समय निकाल लेते हैं हम रुचि अरुचि का न कोई भान होता सहर्ष सभी स्वीकार... Poetry Writing Challenge-2 1 53 Share डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 23 Jan 2024 · 1 min read उसका प्रेम एक दिन सागर ने नदिया को रोककर पूछा “तुम मुझसे मिलने को दौड़ी-दौड़ी क्यों आती हो ? तुम मुझसे मिलने को भागी भागी क्यों आती हो ? क्या तुम्हें मुझ... Poetry Writing Challenge-2 1 63 Share