Shekhar Deshmukh Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shekhar Deshmukh 22 Feb 2024 · 1 min read स्वानंद आश्रम ये है मेरा स्वानंद आश्रम, जोड़, बाकी, गुणा, भाग होड़, दौड़ ,तोड़ ,मरोड़ शून्य से निन्यानवे कितने संघर्ष , निभाए सहर्ष । व्यतीत सारे वर्षक्रम अंतिम प्रहर मेरा सृजन ,... Poetry Writing Challenge-2 3 107 Share Shekhar Deshmukh 22 Feb 2024 · 1 min read मेरी राह मेरी राह --+----+-------+--+++ इल्जामों की फेहरिस्त लंबी है लेकिन मेरी हरकतों के पीछे कोई फलसफा तो होगा मंजूर नहीं बहुत सी खूबसूरत बातें मुझे शायद मेरा मकाम दुनिया से जुदा... Poetry Writing Challenge-2 3 71 Share Shekhar Deshmukh 22 Feb 2024 · 2 min read क्यों बे ? क्यों बे ? ---+------+-------- क्यों बे कहा भागा जा रहा है? एक अपरिचित आवाज आई मैं ठिठका, सहसा, पीछे मुड़कर देखा सम्मुख खड़ा था , जर्जर व्यक्ति एक अनोखा ।... Poetry Writing Challenge-2 1 73 Share Shekhar Deshmukh 22 Feb 2024 · 1 min read मेरी राह मेरी राह --+----+-------+--+++ इल्जामों की फेहरिस्त लंबी है लेकिन मेरी हरकतों के पीछे कोई फलसफा तो होगा मंजूर नहीं बहुत सी खूबसूरत बातें मुझे शायद मेरा मकाम दुनिया से जुदा... Poetry Writing Challenge-2 80 Share Shekhar Deshmukh 22 Feb 2024 · 1 min read शब्द और उम्र शब्द और उम्र ---------------------++++++ शब्द या उम्र किसे जाया किया कुछ शब्द थे गाहे बगाहे गिर पड़े एक उम्र थी बस यू ही निकल बसी ना शब्दों का मोल मिला... Poetry Writing Challenge-2 155 Share Shekhar Deshmukh 21 Feb 2024 · 2 min read चार दीवारों में कैद 'चार दीवारों में कैद रहे j -------------------------+---+-++ चार दीवारों में कैद रहे रंगीन सपनों की ऊंची उड़ान लिये बस जीते रहे अपनी ही खातिर , एक अदना सा जहान लिये।... Poetry Writing Challenge-2 1 162 Share Shekhar Deshmukh 15 Feb 2024 · 1 min read लक्ष्य फिर अनंत है लक्ष्य फिर अनंत है ......... --------+++++++++++++++++ भ्रम की परिणति अनिश्चित पंथ है एक दृढ़ निर्णय और लक्ष्य फिर अनंत है । बड़े बड़े सृजन यहां, प्रेरणा ने रचे गढ़े परिणाम... Poetry Writing Challenge-2 1 1 118 Share Shekhar Deshmukh 15 Feb 2024 · 1 min read एक इंसान को लाइये एक इंसान को भी लाइये ---------------------------------------------------------------------------- कांक्रीट के जंगल में , कितने पत्थर जड़वाओगे सांसे लेता हुआ आदमी भी , इस बस्ती में तो लाइये । मुनासिब नही हर सवाल... Poetry Writing Challenge-2 1 93 Share Shekhar Deshmukh 15 Feb 2024 · 1 min read सामंजस्य यदि नदियां स्थिर, हवाये मौन और समुद्र शांत हो जाए तब साम्य की स्थिति आ जाती है जीवन रुक जाता है क्रियाएं प्रतिक्रियाएं सब कुछ गौण हो जाता है सुख... Poetry Writing Challenge-2 1 69 Share Shekhar Deshmukh 15 Feb 2024 · 2 min read थोड़ा हल्के में थोड़ा हल्के में ले लो यार -------------------------------------------- थोड़ा हल्के में ले लो यार कुछ इधर उधर हो जाए , तो झेलो यार, परफेक्शन की सेंचुरी , खुदा की बैट से... Poetry Writing Challenge-2 1 94 Share Shekhar Deshmukh 15 Feb 2024 · 2 min read नजरिया नज़रिया --------------------------------------- मुझे मुहब्बत नही कि नफरत नहीं न ही कोई शिकायत है किसी के नज़रिये से । मैं तो बस जी रहा था, उल्फत के फसानों में तुम किस... Poetry Writing Challenge-2 80 Share Shekhar Deshmukh 7 Feb 2024 · 1 min read स्पंदन स्पंदन -------------- अंतराल है यह विस्थापन काल चक्र का एक सृजन है युग बीते क्षण भी बीतेगा परिवर्तन शाश्वत नियम है । हृदय तंतु अदृश्य भले ही विश्वास अटूट प्रबल... Poetry Writing Challenge-2 65 Share Shekhar Deshmukh 7 Feb 2024 · 2 min read अमृत और विष अमृत और विष -------------------- क्या होगा अमृत कोष में गरल वमन करने से? क्या अमृत हलाहल बन जायेगा या विष अमृत हो जायेगा ? इस प्रश्न का उत्तर किस वेद... Poetry Writing Challenge-2 180 Share Shekhar Deshmukh 7 Feb 2024 · 2 min read त्यौहार व्योम में इंद्रधनुष साकार हल्की स्नेहिल धूप बारिश की मंद फुहार किलकारी बच्ची की, तरूणी का सुंदर श्रृंगार लो जी मना लिया हमने त्यौहार । अस्पताल से निकला स्वस्थ रोगी... Poetry Writing Challenge-2 1 113 Share Shekhar Deshmukh 7 Feb 2024 · 2 min read मदिरा मदिरा नित्य लेता हूं एक शपथ और भंग कर देता हु त्याग दूंगा अब ये मदिरा कहकर रोज तरंग लेता हु मद्यपान की प्रवृत्ति बड़ी ही ईमानदार है इसे पीने... Poetry Writing Challenge-2 1 111 Share Shekhar Deshmukh 7 Feb 2024 · 2 min read केचुआ केंचुआ ----------------------------------------- आज कितने ही वर्षों पश्चात बारिश से भीगी सोंधी मिट्टी में एक केंचुआ दिखाई दिया बचपन की शैतानियां साकार हो गई नमक डालकर केचुए को विभक्त करना दो... Poetry Writing Challenge-2 1 94 Share Shekhar Deshmukh 7 Feb 2024 · 1 min read जागरण जागरण -------------------------------------------- कत्ल कर दिया खुद का , इल्जाम भी सिर पर ले लिया फिर कह दिया खुद से ही मुझे माफ कर दो मेरा दोष नही इसमें कुछ अब... Poetry Writing Challenge-2 1 99 Share Shekhar Deshmukh 1 Feb 2024 · 2 min read चौराहा चौराहा --------------------- गोल गुलंबर , चारो तरफ जाती राहें पता नही कितने चौराहे पूर्व नही पश्चिम नही उत्तर नही दक्षिण नही जाना चाहता हू जिस भी दिशा में विपरीत दिशा... Poetry Writing Challenge-2 87 Share Shekhar Deshmukh 30 Jan 2024 · 2 min read पिता एक पृथक आंकलन पिता - एक पृथक आकलन- -------------------+--+------------------- आशा है, बल है, आश्रय, विश्वास है छुपा हुआ ,अनजाना, हिम्मत का एहसास है समझना इसे है थोड़ा मुश्किल है जीवन में यह जंतु... Poetry Writing Challenge-2 110 Share Shekhar Deshmukh 30 Jan 2024 · 2 min read विशाल नन्हा विशाल नन्हा ---------------------------------------+-- तिनका तिनका जोड़कर नन्हा पंछी बना रहा था अपना घरौंदा आंधी, हवा, बारिश का कहर अचानक आकर उस नन्हे के सपने पर कौंधा डर गया मासूम, मायूस... Poetry Writing Challenge-2 90 Share Shekhar Deshmukh 26 Jan 2024 · 1 min read अनंत शून्य अनंत शून्य ----------------------- शब्द निःशब्द जब हो जाते जन्म लेती है मूक क्रांति फिर प्रचारित क्यों है यह भ्रांति कि मूक यानी सचमुच मौन है , जबकि वो मात्र एक... Poetry Writing Challenge-2 74 Share Shekhar Deshmukh 25 Jan 2024 · 2 min read कन्यादान कन्यादान ---+---+------------ नामों की फेहरिस्त बड़ी है, कामों की भी लिस्ट बड़ी है, गंभीर चिंता में विचार मग्न, माथे पर रेखाएं गहरी है, क्या-क्या होगा कैसे होगा, प्रश्नों का मेला... Poetry Writing Challenge-2 95 Share Shekhar Deshmukh 24 Jan 2024 · 1 min read खरीददार बहुत मिलेंगे बाजार में बेपर्दा न बैठो खरीद दार बहुत मिलेंगे इन अश्कों को न दिखलाओ , तलबगार बहुत मिलेंगे । जहां जहां जब भी मैंने , नजर उठाकर देखा यकी करो... Poetry Writing Challenge-2 110 Share Shekhar Deshmukh 24 Jan 2024 · 1 min read विभूता क्या मांगू मैं इस सृष्टि से ,क्या मांगू परमेश्वर से जीवन का उपहार दिया , उस आलौकिक ब्रह्मेश्वर से। हर क्षण भरता श्वास नई , मेरे रुधिर के कण कण... Poetry Writing Challenge-2 58 Share Shekhar Deshmukh 24 Jan 2024 · 2 min read जय श्री राम जय श्री राम ------------------------------- जब जब पृथ्वी पर हुआ अनाचार अत्याचार अंतिम परिणति में प्रकट प्रभु का एक नया अवतार दशावतारों की श्रृंखला है प्रभु विष्णु पावर फुल अस्त्रों में... Poetry Writing Challenge-2 92 Share