पूर्वार्थ Poetry Writing Challenge-2 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पूर्वार्थ 22 Feb 2024 · 1 min read विरह गान *विरह गान* तेरे बिन सुनी.....लगे ये रातें है इंतज़ार करती मेरी आँखें है हे दिकु......में तुम्हें चाहूं में तुम्हें चाहूं तेरे बिन सुनी.....लगे ये रातें है इंतज़ार करती मेरी आँखें... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 120 Share पूर्वार्थ 21 Feb 2024 · 1 min read रियलिटी of लाइफ बंजारो सा जिया कही घर नही बनाया, बाद तेरे किसी को खुदा नही बनाया, आदतन हमदर्दी तो हुई लोगो से, पर कभी किसी से दिल नही लगाया, फरमाइश पे सुनी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share पूर्वार्थ 20 Feb 2024 · 1 min read पुरुष और स्त्री अक्सर पुरूष चकित रहते हैं कि प्रेमिका इतनी स्वीट और पत्नी इतनी खड़ूस क्यों होती है....? तो सुनो- बारिश में प्रेमिका को उधार की बाईक और रूपया मांगकर भी लांग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 124 Share पूर्वार्थ 19 Feb 2024 · 1 min read क्या लिखूं पास बैठो इक शाम लिखूं, अपने हाथों पर तुम्हारा नाम लिखूं...! आंखों में वो नमी है जैसे तुम्हारी कमी है रात के करवट में, ख्वाबो की बनावट मे चंद्रमा की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 66 Share पूर्वार्थ 18 Feb 2024 · 1 min read बाते और जिंदगी जिन बातों को कहना मुश्किल होता है, उन बातों को सहना मुश्किल होता है। इस दुनिया में रह कर हमने ये जाना, इस दुनिया में रहना मुश्किल होता है। जिस... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 74 Share पूर्वार्थ 17 Feb 2024 · 1 min read संग और साथ संग तुम्हारे एक ख्वाब पिरोया है डूबकर तुममें खुद को खोया हैं तुम्हारे गोद में सर रखकर खुद को सुलाया हैं हर वजूद में तुम्हारा ही मुझपर साया हैं....! प्यार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 105 Share पूर्वार्थ 16 Feb 2024 · 2 min read जिंदगी और वक्त जिंदगी में एक बात तो समझ में आई है की आप भले ही कितने ही समझदार हो या आप कितने ही प्रेक्टिकल हो कितना भी हर बात को अच्छे से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 75 Share पूर्वार्थ 14 Feb 2024 · 1 min read वक्त मेरे पास कोई अपना नहीं था अपनों के साथ कोई सपना नहीं था मंजिलें अनगिनत थी कोई नाम नहीं था मंजिलों के आगे कोई साथ नहीं था ! मैं खोजता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 74 Share पूर्वार्थ 13 Feb 2024 · 1 min read गम जरूरी है गम जरूरी है जीने के लिए जिंदगी गम जरूरी है जीने के लिए जिंदगी, सुख के बिना अधूरी है ये कहानी। जैसे धरती पर सूरज और चाँद की रोशनी, दोनों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 86 Share पूर्वार्थ 12 Feb 2024 · 1 min read लिखना "लिखना" लिखता नहीं कि कुछ पा सकूं लिखता नहीं कि कुछ नाम कमा सकूं लिखता नहीं कि लोग प्रशंसा करे मेरी लिखता हूं क्योंकि बहुत बोलने के बाद भी बहुत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 125 Share पूर्वार्थ 11 Feb 2024 · 1 min read तुम्हारी कलम कलम, ना उठाने में यकीन है कैसा यकीन? यही कि, कोई आपके अंतर्मन में उन छोटे-छोटे झरोखों से झांकेगा नहीं उन बिखरी पड़ी चीज़ों के टुटने को सुनेगा नहीं उन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 78 Share पूर्वार्थ 11 Feb 2024 · 2 min read मोहब्बत घाव भरने से शख्सियत नहीं भूलता, इन्सान है, अपनी मिल्कियत नहीं भूलता, भुला देते हैं यूँ तो लोग वक्त के बहाने से, के बहाने से अस्थियाँ कोई अपने नहीं भूलता,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 114 Share पूर्वार्थ 10 Feb 2024 · 1 min read सवाल और जिंदगी जीवन के अनगिनत पहलू हैं, कुछ सरल, कुछ गहरे संवारे हैं। हर कोई पूछता है, "कैसे हो तुम?", पर सच्चाई में, हर दिन एक नया सफर है। हम खुद के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 70 Share पूर्वार्थ 9 Feb 2024 · 1 min read प्रेम उसने चुपके से आके पूछा कि धृति कभी मेरे बारे लिखेगी तो क्या लिखेगी ? मैंने मुस्कुराते कहा कि, हुस्न की जान हों तुम, मेरे रूह-ए-सुकून हों तुम, ज़ख़्म के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 123 Share पूर्वार्थ 8 Feb 2024 · 1 min read बेटियां सारे घर के काम भी करती हैं बेटियां, इतना करके भी बहुत पढ़ती हैं बेटियां। बेटों से ज्यादा सब कुछ करती हैं बेटियां, फिर भी जन्म से पहले मरती हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 65 Share पूर्वार्थ 7 Feb 2024 · 1 min read आसमान - घौंसला ! आसमान - घौंसला ! आसमान कब झुका है , किसी भी पंछी की चाहत में ? फिर भी चुनता है हर एक पंछी आसमान को ! पंछी का आस्तित्व के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 84 Share पूर्वार्थ 6 Feb 2024 · 1 min read गहराई गहराई सागर सी गहराई होती है मन में कितनी जिम्मेदारियाँ भरी हैं जीवन में चाह कर भी खुद को किसी से बयाँ नहीं करते कुछ जख्म ऐसे है इनके, जो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 48 Share पूर्वार्थ 5 Feb 2024 · 1 min read सत्संग सत्संग में, सत्संग नहीं सत्संग में बहुत लोग बैठते है, पर सत्संग बहुत कम लोगो में बैठता है। कुर्सी तो सबको मिल जाती है, पर सत्संग का फल, सबको नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 73 Share