मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
आंसुओं से कोई तस्वीर पिघली है, हाल ही में मुझे छूकर मौत गुजरी है ।। यहां रास्तों पर मुझे ठोकर मिली है, आज भी होंठो की हंसी बिखरी है ।।...
Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · गीतिका · पुस्तक समीक्षा · संस्मरण