Pakhi Jain Poetry Writing Challenge-2 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pakhi Jain 4 Feb 2024 · 1 min read चैलेंज कविता शीर्षक — जब से तुम पाषाण बने अश्रु प्रवाहित हुए नयनों से, जब से तुम पाषाण बने। भाव वेदना मय हो कर क्यों सपने सब नादान बने। बीती सदियाँ... Poetry Writing Challenge-2 2 2 109 Share Pakhi Jain 4 Feb 2024 · 1 min read चैलेंज शीत .. नववर्ष की शीतल ऋतु में , तन थर थर काँपे जब । उल्लास की एक किरण गर्माहट से भर जाती तब। अलस सुबह कोहरे की चादर , प्रकृति... Poetry Writing Challenge-2 1 164 Share Pakhi Jain 1 Feb 2024 · 1 min read आलता-महावर रचना क्रमाँक --4 मन- बतियाँ विधा काव्य .. जिन्दा रहने के मौसम बहुत हैं मिले , जान दे दूँ वतन के लिए,होंठ हैं सिले। मक्कारियाँ लहू में इस कदर है... Poetry Writing Challenge-2 168 Share Pakhi Jain 1 Feb 2024 · 1 min read आलता महावर रचना --3 चिंतन की कंदराओं में सांझ जब जब ढलती है । ऊहापोह में डूबी साँसें अंतर में तब जलती हैं। हुई बैरन निंदिया क्यूँ क्यूँ परित्याग हुआ मेरा। किस... Poetry Writing Challenge-2 135 Share Pakhi Jain 1 Feb 2024 · 1 min read आलता महावर रचना क्रमाँक --2 आना ही होगा मेरे मन के आँगन का , वह झरोखा खुला हुआ है , आओगे तुम!! आना ही होगा, नेह निमंत्रण पड़ा हुआ है। ले आना... Poetry Writing Challenge-2 123 Share Pakhi Jain 1 Feb 2024 · 1 min read आलता महावर रचना क्रमाँक 1-- "जीवन के रथ पर चढ़कर" #विधा -कविता मेरे जीवन रथ पर चढ़कर , प्रेम तंतु भी जल जाते हैं। हुये सभी करुणा कोष रिक्त, मधुकर ज्यों मधु... Poetry Writing Challenge-2 188 Share