ललकार भारद्वाज Poetry Writing Challenge-2 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ललकार भारद्वाज 18 Feb 2024 · 1 min read चाहत तुम्हे चाहता हूँ मैं कितना सुनोगी । मैं चाहु प्रभु को तुम इतना सुनोगी ।। मेरे दिल मे बसती हो कैसे सुनोगी । जैसे हो सासे तुम बस येही सुनोगी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 82 Share ललकार भारद्वाज 18 Feb 2024 · 1 min read काम चले ना अब सोने से काम चले ना। फिर जगने से बात बने ना।। अब चुप्पी से काम चले ना। फिर बड़बोले से बात बने ना।। अब हसने से रार टले ना।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 63 Share ललकार भारद्वाज 16 Feb 2024 · 1 min read मैं और मेरे प्रभु मैं मीरा तुम घनश्याम प्रभु। मैं कलयुग तुम खाटू वाले श्याम प्रभु।। मैं हीरा तुम हीरो की हो खान प्रभु। मैं दीपक तुम सूर्यो का हो भान प्रभु।। मैं द्वापर... Poetry Writing Challenge-2 80 Share ललकार भारद्वाज 16 Feb 2024 · 1 min read परिवर्तन आया जीवन में ना नजर मिली ना बात हुई, ना कभी कोई मुलाकात हुई। वो मिले अचानक मुझको यूं, तो परिवर्तन आया जीवन में।।1।। बिन मिले ही हमने दर्द कहे, बिन जाने ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 57 Share ललकार भारद्वाज 16 Feb 2024 · 1 min read जज़्बातों का खेल जज़्बातों का खेल अजब है, एक है शख्स पर नाम अलग है। राधा के नन्दलाल सलोने, लीलाधर और गोपीयो संग खेले।।1।। रुक्मणी के थे कृष्ण अनोखे, द्वारिकाधीश और दुष्टो संग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 120 Share ललकार भारद्वाज 16 Feb 2024 · 1 min read बावरे नैना तेरे दीदार को तरसे, मेरे ये बावरे नैना। तेरे बस प्यार को तरसे, मेरे ये बावरे नैना।।1।। मैं प्यासा हूँ कहूँ तुझसे, मेरे ओ बावरे नैना। बुझा दो ना मेरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 117 Share ललकार भारद्वाज 16 Feb 2024 · 1 min read आधार जगत का करने को उद्धार। बनाया सत्संग को आधार।। मनुज पर करने को उपकार। बनाया नाम धुन आधार।। जीव का करने बेडा पार। बनाया मालिक को आधार।। करेगे सबका बेडा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 104 Share ललकार भारद्वाज 16 Feb 2024 · 2 min read जब बनना था राम तुम्हे जब बनना था राम तुम्हे, दुर्योधन बन कर बैठ गये। जब करना था काम तुम्हे, स्वार्थ साध कर बैठ गये।। निगम रखा था नाम तुम्हारा, निर्गुण बन कर बैठ गये।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 53 Share ललकार भारद्वाज 16 Feb 2024 · 1 min read मर्यादाशील हंसते-हंसाते हर गम छुपा, खुशियां मनाते चल हम रहे हैं । सदियो के जख्मो को सिलते-सिलाते, मरहम लगाते बढ हम रहे हैं ।। अपना पराया ना करते हैं हम तो,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 67 Share ललकार भारद्वाज 16 Feb 2024 · 1 min read श्री अन्न : पैदावार मिलेट्स की जगो किसानो उठो किसानो, अन्न पुराना अच्छा था। करो पैदावार उसी अन्न की, अन्न वही तो सच्चा था।। श्री अन्न की ऊपज करो तुम, श्री अन्न संरक्षक हैं। श्री अन्न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 94 Share ललकार भारद्वाज 14 Feb 2024 · 1 min read महिला दिवस आप लोग हैं हमारे कन्धे से कन्धा मिला कर खड़ी। तब ही तो गृहस्थी की गाड़ी हैं इतने प्यार से बढ़ी।। क्योंकि आप गोबर हैं, हम परात हैं। आप मुक्का... Poetry Writing Challenge-2 · हास्य 1 77 Share ललकार भारद्वाज 14 Feb 2024 · 1 min read पति पत्नी और वैलेंटाइन डे देव मेरे ओ पतिदेव, तू ला के दे दे टेडी रे। वैलेंटाइन हैं आने वाला, तू ना कर नखरे बेरी रे।। म्हारी सास के छोरे सुन ले, पत्नि मांगे टेडी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 115 Share ललकार भारद्वाज 31 Jan 2024 · 1 min read प्राण प्रतिष्ठा राम की अवध संग सज रहा हैं देश । राममय हो रहा परिवेश ।।1।। रामराज्य का देता हैं संदेश । भगवामय हो रहा हैं वेश ।।2।। राम आएंगे अपने ही प्रदेश ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 76 Share ललकार भारद्वाज 31 Jan 2024 · 2 min read शब्द की महिमा शब्द की महिमा बड़ी अनोखी, महिमा हैं ये अपरंपार । शब्द की महिमा बड़ी निराली, महिमा हैं ये तरती पार ।।1।। शब्द जपा जब 'मरा' बाल्मीकि ने, जुड़े राम से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 91 Share ललकार भारद्वाज 31 Jan 2024 · 2 min read चिन्ता करू या चिन्तन क्योंकि मेरी चिन्ता राम करें, मैं तो करूँ राम का चिन्तन । प्राण प्रतिष्ठा होनी अब हैं, मैं तो करूँ राम का वन्दन ।।1।। करी प्रतिक्षा पाँच सदी हैं, मैं तो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 104 Share