हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हिमांशु Kulshrestha 11 Feb 2024 · 1 min read मेरा डर.. तुम न समझी थी न ही समझना चाहा तुमने मुझे, मेरे डर को जो एक पल के लिए ही सही मुझ से दूर होने के ख्याल से ही उतर आता... Poetry Writing Challenge-2 1 108 Share हिमांशु Kulshrestha 9 Feb 2024 · 1 min read पीड़ा.. कवियों की कविता वाली पूरे चांद की रातें भी शोले सी दहकती हैं , चुभते हैं रातों में तारे शूलों से, पीड़ा में विरह की अब मुझे मुबारक सियाह रात... Poetry Writing Challenge-2 67 Share हिमांशु Kulshrestha 9 Feb 2024 · 1 min read सुनो न... सुनो न.... जानलेवा है तन्हाई.. और नज़रें उदास हैं.... नज़र ही आ जाओ बस एक सुकून की तलाश है !!!! Poetry Writing Challenge-2 1 68 Share हिमांशु Kulshrestha 8 Feb 2024 · 1 min read प्रॉमिस divas सुनती हो.. चलो, चलते हैं... फ़िर भुला कर सब जो गुज़रा है एक नयी राह पर, हाथों में ले कर हाथ एक नए वादे के साथ नहीं छोड़ेंगे इक दूजे... Poetry Writing Challenge-2 99 Share हिमांशु Kulshrestha 8 Feb 2024 · 1 min read कमबख्त मोहब्बत.. ये जाहिर करना कभी ज़रूरी नहीं समझा हमने कमबख्त.. मोहब्बत जो हुई उनसे तो होती चली गई. कोशिशें लाख की ख़ुद को समझाने की पर ये मोहब्बत है जनाब जो... Poetry Writing Challenge-2 81 Share हिमांशु Kulshrestha 7 Feb 2024 · 1 min read मै बुलंद हौंसलो वाला मै बुलंद हौंसलो वाला एक जिद्दी सा लड़का तेरी यादो से लड़ता हूँ तो रो पड़ता हूँ.. मुद्दत गुजर गई और, ये आलम है मुस्तक़िल, कोई सबब नहीं है मगर... Poetry Writing Challenge-2 124 Share हिमांशु Kulshrestha 6 Feb 2024 · 1 min read उन लम्हों को.. कैसे भूल जाऊँ उस लम्हे को जब तुम ने सर रख कर मेरे कांधे पर जन्मों जन्म साथ रहने का वायदा किया था, मेरी आँखों में डाल कर अपनी आँखे... Poetry Writing Challenge-2 62 Share हिमांशु Kulshrestha 6 Feb 2024 · 1 min read पूछा किसी ने.. पूछा किसी ने कौन याद आता है अक्सर तन्हाइयों में कह दिया मैंने चंद पुरानी यादें खूबसूरत चेहरा उसका और.. दो नशीली आँखे.!!!! हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-2 57 Share हिमांशु Kulshrestha 5 Feb 2024 · 1 min read कौन हो तुम कौन हो तुम... चले आते हो झांकने मेरे मन आँगन में ज़मी यादों को. चले आते हो उद्वेलित करने मेरे अंतर्द्वंद को, और मेरे विगत को मेरे सामने खड़ा कर,... Poetry Writing Challenge-2 54 Share हिमांशु Kulshrestha 4 Feb 2024 · 1 min read प्रणय गीत... तुम.. अपनी कलम से उकेर कर कागज पर दिल उतार देना, मधुर प्रेम की स्याही से अपने भर कर रंग अनूठे जज़्बातों को संवार देना. विरह के गीतों को अपनी... Poetry Writing Challenge-2 101 Share हिमांशु Kulshrestha 4 Feb 2024 · 1 min read यूँ तो... यूँ तो काट ही लेंगे जिन्दगी हम जो उठेगी हूक, लफ़्ज़ों में उतार लेंगे हम वैसे तो बहुत मुश्किल होता है, बिछुड़ के जी पाना तो क्या हुआ, मर मर... Poetry Writing Challenge-2 69 Share हिमांशु Kulshrestha 3 Feb 2024 · 1 min read समेट लो.. तस्वीर लेना भी ज़रूरी है आईना, गुज़रे हुए लम्हे नहीं दिखाता है समेट लो, हर लम्हे को जो चला गया वो मंजर लौट कर कब आता है हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-2 142 Share हिमांशु Kulshrestha 2 Feb 2024 · 1 min read प्रेम.. मौन रख कर होठों को आँखों से बाते आँखों की होने दो बहुत पावन है प्रेम प्रिये रूह से रूह का आलिंगन होने दो जिस्मों की ख्वाहिश रखें क्यूँ धड़कन... Poetry Writing Challenge-2 84 Share हिमांशु Kulshrestha 2 Feb 2024 · 1 min read मेरा भूत मेरा भूत मेरे वर्तमान पर हावी है, वो किस्से, वो यादें जो दिमाग़ की गुल्लक में रेजगारी की तरह भरी थी तोड़ कर गुल्लक उन्हें निकलने की जैसे बेक़रारी है.... Poetry Writing Challenge-2 67 Share हिमांशु Kulshrestha 2 Feb 2024 · 1 min read जो आयीं तुम.. ग़र आई लौट कर किसी दिन खुद से मिलाऊंगा तुम्हें, खुद से जो की थी खुद की बातेँ वही बताऊँगा तुम्हें.. भीगा था जो तकिया अनजाने में निकले आंसुओं से... Poetry Writing Challenge-2 52 Share हिमांशु Kulshrestha 1 Feb 2024 · 1 min read हाँ, ये सच है हाँ, ये सच है मैं बदल सा गया हूं... अब कोई शिकायत नहीं होती ये नहीं कि.. कुछ बुरा नहीं लगता बस हर घड़ी याद रहता है तेरी हर तकलीफ... Poetry Writing Challenge-2 144 Share हिमांशु Kulshrestha 1 Feb 2024 · 1 min read बस एक ख्याल यूँ ही.. जो लिखूँ कुछ तो लफ़्ज़ हो तुम ग़र सोचूँ कुछ तो खयाल हो तुम माँगने जो बैठूं तो दुआ हो तुम सच कहूँ तो मेरी रूह, मेरी मोहब्बत हो तुम... Poetry Writing Challenge-2 59 Share हिमांशु Kulshrestha 31 Jan 2024 · 1 min read एक ख्याल यूँ ही ये अलग बात है अब तुम नहीं, तुम्हारी परछाइयां हैं मेरी हमसफर...... आज भी उम्मीद को थाम कर बैठा हूं अपने नशेमन में, आ जाओ शायद एक दिन, उस एक... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share हिमांशु Kulshrestha 30 Jan 2024 · 1 min read तुम.. आ कर ख्वाबों में मेरे गलबहियाँ डाल देती थीं तुम, मरमरी वज़ूद तुम्हारा सिमट जाता था मुझ में, आज भी महक तुम्हारी मचल उठती है साँसों में मेरी जाग जाता... Poetry Writing Challenge-2 75 Share हिमांशु Kulshrestha 30 Jan 2024 · 1 min read इश्क़ रूहानी मुझे.. तुम से बेपनाह मोहब्बत है एक ख़ामोश, आज़ाद मोहब्बत इसलिए तुम्हें किन्ही बेड़ियों में जकड़ना मुनासिब नहीं मुझे तुम से इश्क़ है, रोमांस नहीं मेरी ख्वाहिशें जिस्म से परे... Poetry Writing Challenge-2 104 Share हिमांशु Kulshrestha 30 Jan 2024 · 1 min read वो पहला मिलन. तुम्हारी नर्म हथेलियों की गुनगुनी सी वो पहली छुअन और फ़िर, शरबती आँखों से देखना झुका कर पलकें प्रेम जताना दिल की बढ़ती धड़कनें बेक़ाबू से होते जज़्बात किस क़दर... Poetry Writing Challenge-2 96 Share हिमांशु Kulshrestha 28 Jan 2024 · 1 min read रुला दे कोई.. आगोश-ए-सितम में छुपाले कोई, तन्हा हूँ तड़पने से बचा ले कोई, सूखी है बड़ी देर से पलकों की जुबां, बस... आज तो जी भर के रुला दे कोई। हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge-2 84 Share हिमांशु Kulshrestha 28 Jan 2024 · 1 min read एक लम्हा एक लम्हा ही तो हूँ बस, यूँ ही गुज़र जाऊँगा Poetry Writing Challenge-2 120 Share हिमांशु Kulshrestha 26 Jan 2024 · 1 min read प्रेम मैं तुम्हें यूँ ही प्यार नहीं करता... मेरे हर दिन का उजाला हो तुम मेरी हर रात की चाँदनी मेरे जज्बातों का नूर हो तुम तुम से ही तो है... Poetry Writing Challenge-2 90 Share हिमांशु Kulshrestha 25 Jan 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम महज एक व्यक्ति से ना होकर सम्बंधित है पूरी क़ायनात से .... तुम्हारे साथ ना रहने पर भी मैंने तुम से इश्क़ जारी रखा. तमाम छोटी छोटी चीज जो... Poetry Writing Challenge-2 81 Share