Ghanshyam Poddar Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ghanshyam Poddar 21 Feb 2024 · 2 min read सूरज नहीं थकता है सूरज को चैन कहां, आराम कहां, अभिमान कहां? जहां भी रहता है, रैन कहां, रात कहां,अंधकार कहां? उसे पता है, आगे और जाना है अभी कहां- कहां? कभी उत्तरायण होता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 116 Share Ghanshyam Poddar 20 Feb 2024 · 1 min read होली के दिन जा रे पपीहा, जाओ उस देश, जहां पिया जी रहते हैं देना सही-सही वही संदेश, जो मैं तुम्हें बताऊंगी। आओ जल्दी से जल्दी, बिना देर, होली आनेवाली है आओगे जब,तब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 130 Share Ghanshyam Poddar 19 Feb 2024 · 1 min read कहो तो.......... न खिल पाएं, न खुल पाएं न दे पाएं तुम्हें एक भी फूल होठ बंद ही रहे हमारे हरदम पर रहे हर पल सदा अनुकूल। देखा था तो लगा पा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 100 Share Ghanshyam Poddar 19 Feb 2024 · 1 min read चाय ही पी लेते हैं कोई कहां किसी को हमेशा साथ देता है वो तोआप हैं जो बेहिचक पुकार लेते हैं। कोई कहां किसका इंतजार करता है वो तो आप हैं जो बाजार में मिल... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 93 Share Ghanshyam Poddar 18 Feb 2024 · 2 min read हे राम ! प्रार्थना सभा में गोलियों की आवाज सुनाई दी और बापू चुप हो गए! भजन- संध्या के गीत बंद हो गए उभरते स्वर और बोल बंद हो गए कुछ पल बाद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 127 Share Ghanshyam Poddar 18 Feb 2024 · 1 min read टिक टिक टिक टिक ! टिक ! टिक! धिक! धिक ! धिक! ठीक ! ठीक ! ठीक! चलती जाएं घड़ी। जब तक सोया रात रही, जगा जब प्रात: हुई, अस्ताचल के बाद सुबह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 129 Share Ghanshyam Poddar 17 Feb 2024 · 2 min read आबूधाबी में हिंदू मंदिर संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी में हिंदू मंदिर उद्घाटित हुआ है आनुधाबी मे नया नजीर निशानी है यह पूरी दुनिया में सांप्रदायिक -सांस्कृतिक -सद्भाव की दिशा में एक दूरदर्शी कदम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 155 Share Ghanshyam Poddar 16 Feb 2024 · 1 min read राहुल की अंतरात्मा पापा ! तथागत की संज्ञा से आप आज तक मुक्त न हो सके यही नहीं, संभवत: आनेवाली पीढ़ी भी , शायद आपको यही इसी नाम से जाने । पापा !... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 109 Share Ghanshyam Poddar 15 Feb 2024 · 1 min read नया सूरज पूरब की खिड़की खुली तिमिर -तिरिहित होने लगा चांद भी छिपने लगा अरुणारभ किरणें आने लगी रश्मि- रथ देखकर चिड़ियां/खग गण गाने लगे 'भोर हो गया' 'भोर हो गया.....' बच्चों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 102 Share Ghanshyam Poddar 15 Feb 2024 · 2 min read "ज्ञ " से ज्ञानी हम बन जाते हैं "ज्ञ " से ज्ञानी हम बन जाते हैं "अ " जब आरंभ करते हैं स्वर भी सीखते हैं व्यंजन भी सीखते हैं पंचमाक्षर पढ़ -पढ़कर ज्ञान -सरोवर में नहा- नहाकर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 159 Share Ghanshyam Poddar 13 Feb 2024 · 1 min read बदलता मौसम सर्दी गई गर्मी आई। रातें छोटी दिन बड़ी हुई। रिजाई बांधी पंखा चली। धूप कड़ी छांव भली । सुबह की अब स्कूल हुई । मलय पवन खूब चली । जरूरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 131 Share Ghanshyam Poddar 12 Feb 2024 · 1 min read तुम आ न सके तुम आ न सके मैं जा न सकी तुमसे मिलने वहां जहां हमे मिलना था जाड़े गर्म धूप में हरी -मखमली दूब पर बैठकर तुमसे तुम्हारी बातें सुनने । पापा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 116 Share Ghanshyam Poddar 11 Feb 2024 · 1 min read वे आजमाना चाहते हैं कभी हमारे पुरखे रसूख वसूल सब एक थे आजादी के आंदोलनों में सुर -आवाज एक थे । लेकिन कभी -कभी वो हमे आजमाना चाहता है लेकिन हर बार हम उसे... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 57 Share Ghanshyam Poddar 10 Feb 2024 · 1 min read तुम आए कि नहीं आए तुम आए कि नहीं आए दुवा लाए कि दुआ लाए मीठा लाए कि तीखा लाए अपने आए कि पराए आए मैं पुकारता चला गया। तुम आराधना करते रह गए तुम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 163 Share Ghanshyam Poddar 9 Feb 2024 · 1 min read खबरदार होना चाहिए कोई कितना ही दमदार हो डरकर नहीं , हमेशा डटकर रहना चाहिए । सामने वाला कितना ही ओहदेदार हो नजरें झुकाकर नहीं, सर उठाकर रहना चाहिए । दोस्त कितना ही... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 66 Share Ghanshyam Poddar 8 Feb 2024 · 1 min read इल्म कुछ ऐसा दे इल्म कुछ ऐसा दे मेरे मालिक कि काम आऊं सबों के हौंसला भी कुछ ऐसा दे कि गंगा जमुनो सदा नाज करे. आधे -रास्ते पर न रुक जाएं किसी मुसाफिर... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 76 Share Ghanshyam Poddar 7 Feb 2024 · 1 min read शोख लड़की ए शोख लड़की, मुझसे तुम यूं ही इतना खफा क्यों है जी चाहे तो खता बता के सजा दे दो या माफ कर दो । आंखों में काजल तुम लगाती... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 120 Share Ghanshyam Poddar 6 Feb 2024 · 1 min read अपना बन जायेगा नाम के पीछे मत भाग रे बंदे, काम के पीछे तू मन से भाग, लगन से पूरा कर दिया काम, दूर- दूर नाम सहज ही जायेगा । तुम किसी का... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 50 Share Ghanshyam Poddar 5 Feb 2024 · 1 min read भज ले भजन भज ले , भजन कर ले अरे प्राणी , जीवन निश्चय ही तेरा संवार जायेगा , नाम ले ले अरे अपने प्रभु का तुम , कल आज और कल सुधर... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 2 173 Share Ghanshyam Poddar 4 Feb 2024 · 1 min read *एक चूहा* एक चूहा दिनभर बिल के अंदर छिपकर - रहकर निकला बाहर रात में घरवालों के सोने के बाद । उसे नजर आया रोटी का टुकड़ा सोचने लगा: मालिक ने दी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 180 Share Ghanshyam Poddar 3 Feb 2024 · 1 min read कोहरा और कोहरा आप से मिलने जाना था मुझे, आपके आमंत्रण पर क्या बताऊं- कैसे आऊं ? कोहरा है बड़ा ही तगड़ा । बेशर्म होकर पसरा है , दूर दूर तक घना कोहरा... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 137 Share Ghanshyam Poddar 2 Feb 2024 · 1 min read कोहरे के दिन सूरज तो उत्तरायण -दक्षिणायन करता रहता है घूमती रहती है घड़ी की सुई ,हर पल चहुं ओर । शीत ओस कुहासा कोहरा कब तक रहेगा यहां दोपहर हो गया है,... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 129 Share Ghanshyam Poddar 1 Feb 2024 · 1 min read आंखें जुबां से न सही,आंखों से बोलना मुझे जो भी रह गया हो बांकी, कहना मुझे । में न भूलूंगा कभी,चाहे भूल जाओ मुझे जब -जहां मिले थे, ठिकाना याद है... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 165 Share Ghanshyam Poddar 31 Jan 2024 · 1 min read जिद बापू की नमन बापू ! नमन बापू ! आज हुआ था आपका गमन बापू ! अपने जो दिया हम हैं मगन बापू। इतनी जल्दी भी क्या थी तुम्हें जाने की जिद और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 192 Share Ghanshyam Poddar 30 Jan 2024 · 1 min read कली को खिलने दो बचपन की बातें बचपन की यादें बचपन के सपने भुलाएं नहीं भूलते बचपन के अपने अहा! क्या कहने । आती है बारंबार यादें बीते दिन/ बीती बातें आंखों के सामने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 183 Share