भवेश Poetry Writing Challenge-2 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भवेश 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन मेरा..! बचपन मेरा निकल रहा, जवानी की और चल रहा, वो डर मुझे यूं खल रहा, मैं डर रहा, मैं मर रहा, हर पल यूं ही तड़प रहा, ना दुख में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · बाल कविता 1 191 Share भवेश 17 Feb 2024 · 1 min read शतरंज दिमाग करता उसका मान है, समझदारो की वो पहचान है, शतरंज करता है उनकी शुद्धि, जिनकी होती है चतुर बुद्धि, आओ समझे इस शाही खेल को, राजा - रानी के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · बाल कविता · शतरंज 2 138 Share भवेश 17 Feb 2024 · 1 min read परीक्षा है सर पर..! कमर कस रहा हूं, सवालों में फस रहा हूं, परीक्षा है सर पर, ना जाने क्यों हस रहा हूं, हर सवाल कर रहा प्रहार, पर है विश्वास, करूंगा संहार, उम्मीदों... Poetry Writing Challenge-2 · BHU Student Poetry · कविता · परीक्षा · बाल कविता 1 161 Share भवेश 26 Jan 2024 · 1 min read हम वो हिंदुस्तानी है, हम वो हिंदुस्तानी है, जहा के ऋषि सर्वज्ञानी है, हम वो ही स्वाभिमानी है, जिनकी महान कहानी है, हम हिंदी है मराठी है, हम बिहार की बिहारी है, हम दक्षिण... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गणतंत्र दिवस 3 1 145 Share भवेश 25 Jan 2024 · 1 min read ना जाने क्यों...? ना जाने क्यूं...? मन खोया सा जा रहा, आंखों के आगे अंधेरा छा रहा, कर रहा कोशिश बहुत, पर मैं होश खोता जा रहा...। मन मेरा चंचल सा होकर, रुक... Poetry Writing Challenge-2 · आज के जीवन की भागदौड़ · कठिन जीवन · कविता · मन का तूफान 3 1 174 Share भवेश 25 Jan 2024 · 1 min read जब घर से दूर गया था, याद है मुझे, जब घर से दूर गया था, मन में जोश भरकर, चल पड़ा था.., सोचा था बड़ा हो गया, अकेले रह लूंगा.., पर जब दिन बीते , रात... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 3 1 208 Share भवेश 25 Jan 2024 · 1 min read श्री राम आ गए...! श्री राम अयोध्या आ गए, तन् मन में यूं छा गए..! सांवरा तन उनका यूं चमक रहा, हमारे मन में उनका सौंदर्य धधक रहा..। ऐसा लग रहा, पूजा मोदी जी... Poetry Writing Challenge-2 · अयोध्या · अयोध्या धाम · कविता · जय श्री राम 3 1 203 Share भवेश 24 Jan 2024 · 1 min read हां मैं दोगला...! हां मैं दोगला …! अकेलेपन के सामने अकेला ही मैं चल रहा, हूं मैं एक काफिर ऐसा जिसके काफिले में, ना बचा अब हौसला…, हां मैं दोगला…! उम्मीद लगाई मुझसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 4 146 Share भवेश 24 Jan 2024 · 1 min read मैं कितना अकेला था....! उस दिन मुझको पता चला कि मै कितना अकेला था, जब घर से दूर लोगो ने मुझको यूं धकेला था। लोगो की बढ़ती आशा को मैं खुद ही यूं सहता... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · बाल कविता 3 1 158 Share