अंसार एटवी Poetry Writing Challenge-2 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अंसार एटवी 14 Feb 2024 · 1 min read आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं यार ऐसी ज़िंदगी से डरते हैं हो न मुख़्लिस वो है फिर किस काम का हम तो ऐसी दोस्ती से डरते हैं... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · 6 कविता · ग़ज़ल 149 Share अंसार एटवी 12 Feb 2024 · 1 min read चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है बहुत अच्छे से सूरज को सवेरा जानता है ख़ुदा के बाद की है दस्तरस जो जान पाया मिरे अंदर की बातें दिल ये... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 93 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है चराग़ों की हवाओं से हिफ़ाज़त कौन करता है उसूलों की बहुत सी बात करते हैं जहाँ में सब उसूलों के लिए जाइज़... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 1 148 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा मैं हंसों की तरह तालाब को अब मर के छोड़ूँगा मुझे मालूम है सय्याद ने लूटा चमन को है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 95 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल इबादत के बिना तुझको ख़ुदा मिलना बहुत मुश्किल निकलता तो है मशरिक़ से ही मग़रिब के लिए ही वो मगर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 82 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है हमारे गाँव में काफ़ी बड़ा बाज़ार लगता है ये सब तो ग़ैर-मुमकिन था कि वो ख़ंजर चलाएगा मुझे तो ये बताया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 86 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता हवाओं में चराग़ों का गुज़ारा हो नहीं सकता हसद रखता हो जो दिल में हमेशा चाल चलता हो हक़ीक़त में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 82 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता लिखा हो जो मुक़द्दर में मिटाया जा नहीं सकता जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा यहाँ हर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 160 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी ज़िंदगी में कब किसी को तीरगी अच्छी लगी जब भी होती है किसी को बे-वजह सी ये घुटन फिर कहाँ किसको भला... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 1 80 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है वो हिंदुस्तान में अपना ज़माना छोड़ जाता है जहाँ लाखों करोड़ों लोग अब भी गुनगुनाते हैं वो अल्लामा यहाँ अपना तराना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 64 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read उसे जब भूख लगती है वो दाना ढूँढ लेता है उसे जब भूख लगती है वो दाना ढूँढ लेता है परिंदा शाम को फिर आशियाना ढूँढ लेता है वो जिसका घर नहीं होता उसे भी नींद आती है वो सोने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 69 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली दुख की घड़ी में पलके जो आँसू से क्या मिली तितली के तब से सैकड़ों दुश्मन बने हुए फूलों से क्या... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 81 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं ये तख़्त ओ ताज इसलिए सारे उसी के हैं डसने का जिसका काम ही सदियों से चल रहा ये नाग हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 48 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं कि जैसे सामने कश्ती के कुछ गिर्दाब रहते हैं जिसे देखा गया हो बस गरजने की ही सूरत में उसी एक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 55 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read वो ठोकर से गिराना चाहता है वो ठोकर से गिराना चाहता है मुझे पत्थर पे लाना चाहता है जिसे अपना समझता हूँ जहाँ में वो रस्ते से हटाना चाहता है उसे होते नहीं देखा किसी का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 40 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा वो सबसे अब दिखावा कर रहा होगा चराग़ों पर अभी है गर्दिश-ए-दौराँ वो आँधी को इशारा कर रहा होगा वो रातों को बड़ी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 47 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत एक दौर में काफ़ी थी बहत्तर की ज़रूरत जो मेरे लिए ही हो परेशानी का बाइस मुझको नहीं ऐसे किसी रहबर की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल · शेर 51 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से वो क्या डरेगा अब तो बवंडर के ख़ौफ़ से मौजों से लड़ झगड़ के मैं साहिल पे आ गया लेकिन डरा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 49 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ छानी हो खाक़ जिस ने भी अपने बदन के साथ उस शख़्स से ना पूछिये उसकी ख़ुशी का हाल जिसने गुज़ारे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 43 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी टूटा हो जैसे कोई सितारा अभी अभी जैसे किसी ने साँप के फन को कुचल दिया अपनी अना को ऐसे ही मारा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 73 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा तूफाँ को जैसे ही पुकारा जाएगा कश्ती पे जिसने भी बिठाकर छोड़ा है हाथों से उसके भी किनारा जाएगा हाकिम ही जब मज़लूमों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल 53 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं कैसे समझाऊँ शजर कैसे ये फल देते हैं ख़ुशबू होती है तो सीने से लगाए रखते सूख जाएँ तो... Poetry Writing Challenge-2 46 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे जब प्यास मिट गई तो समुंदर मिले मुझे हाथों को जिनके चूमा हैं अपना जिसे कहा इक दिन उन्हीं के हाथों में... Poetry Writing Challenge-2 83 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे रोते हुए भी जब कोई हँसता मिला मुझे कुछ इसलिए भी मुझसे वो आगे निकल गया ऐसा हुआ कि देर से रस्ता... Poetry Writing Challenge-2 141 Share अंसार एटवी 9 Feb 2024 · 1 min read लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया अच्छा हुआ कि कश्ती ने तेवर समझ लिया जिस दाम जिसने चाहा उसी दाम में रखा मुझको किसी ग़रीब का ज़ेवर समझ... 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