Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 posts
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
अंसार एटवी
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
अंसार एटवी
किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल
किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल
अंसार एटवी
कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है
कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है
अंसार एटवी
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
अंसार एटवी
जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा
जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा
अंसार एटवी
कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी
कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी
अंसार एटवी
मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है
मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है
अंसार एटवी
उसे जब भूख लगती है वो दाना ढूँढ लेता है
उसे जब भूख लगती है वो दाना ढूँढ लेता है
अंसार एटवी
क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली
क़िस्मत हमारी ख़ुद के ही पहलू से आ मिली
अंसार एटवी
अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं
अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं
अंसार एटवी
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं
अंसार एटवी
वो ठोकर से गिराना चाहता है
वो ठोकर से गिराना चाहता है
अंसार एटवी
मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
अंसार एटवी
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
अंसार एटवी
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
अंसार एटवी
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
अंसार एटवी
ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी
ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी
अंसार एटवी
कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
अंसार एटवी
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
अंसार एटवी
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
सच्चाई है कि ऐसे भी मंज़र मिले मुझे
अंसार एटवी
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
अंसार एटवी
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
Loading...