डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद 3 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत बदल गए तुम ठीक उस तरह जैसे बदलता है मौसम हर नए मौसम की आहट पर या फिर जैसे बदलता है गिरगिट रंग अपना क्योंकि वह परिवेश की अनुकूलता... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 5 204 Share