Sanjay kumar mallik "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanjay kumar mallik 1 Jul 2023 · 1 min read फितूर बना फितरत कैसी फितरत हुई इंसान की जैसे रक्त प्यासे हैवान की टुकड़े -टुकड़े में काटकर भावशून्य हो जाता इंसान है प्यार के नाम को कर देता बदनाम है, सब भूल जाता... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 129 Share Sanjay kumar mallik 1 Jul 2023 · 1 min read आदत और फितरत आदत है मेरी औरों के फितरत को भुला देना किसी की खुशीयों में मुस्कुरा देना और गम में आंसू बहा देना कुछ कहते है मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 2 171 Share