manjula chauhan "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid manjula chauhan 9 Jul 2023 · 1 min read फितरत ये न कहो की बस गिरगिट को ही, रंग बदलते देखा है। ज़माना नया है इन्सानी फितरत को भी, बदलते देखा है। हर फितरती अंदाज का अपना अलग खेल है,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 5 1 97 Share