Ghanshyam Poddar "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ghanshyam Poddar 15 Jul 2023 · 1 min read शतरंज के मुहरे सूरज के गिर्द अपनी धुरी पर धरती हर पल घूमती है भ्रमण -पथ पर कभी इसके पास आती, दूर जाती है l दिन रात होती है, मौसम बदलता है, ऋतु... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 3 215 Share Ghanshyam Poddar 12 Jul 2023 · 1 min read फितरत नहीं बदलती है अपनी -अपनी फितरत है, कोई हँसता है, कोई रोता है विष -वमन करता है, कोई घड़ियाली आंसू बहाता है l 360 बार घूमती सेकंड की सुई, 60बार मिनट की सुई... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 2 90 Share