Minal Aggarwal "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Minal Aggarwal 11 Jul 2023 · 1 min read तेरी फितरत के कांच के टुकड़े उम्र भर चुभते रहे यह तेरी फितरत ही तो थी जिसके बेहिसाब कांच के टुकड़े मुझे उम्र भर चुभते रहे ऐसे के साथ कोई रिश्ता निभाये भी तो कैसे मेरी आस का तारा तो... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 143 Share Minal Aggarwal 11 Jul 2023 · 3 min read फितरत की कहानी किसी की फितरत की तो बस घूम फिर कर एक छोटी सी यह कहानी है कि कोई फूल कभी कांटा नहीं हो सकता और कोई कांटा कभी फूल नहीं हो... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 112 Share