Ekta chitrangini "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ekta chitrangini 8 Jul 2023 · 1 min read "चालाकी" चालाक लोग को अक्ल नही आती, समझते है चालाकी किसी के समझ नही आती। उनको कौन समझाए तुम मूर्ख हो, बस हमे तो उनकी करतूत पर हँसी आती हैं। ना... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · चालाकी 9 4 179 Share Ekta chitrangini 8 Jul 2023 · 1 min read "फितरत" नकाब फ़ितरत का उठाओ तो, चेहरे में शियासत दिखती है। छल कपट के धन दौलत, फ़ितरत भरी सोहरत । सब एक न एक दिन, बेनकाब हो जाती है। बरकत नही... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · फितरत 8 4 276 Share