Awadhesh Kumar Singh "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Awadhesh Kumar Singh 14 Jul 2023 · 1 min read फितरत मंजिल तो मेरी तय है। अब रास्तों की तलाश है॥ मेरे संस्कार का स्वभिमान मेरी रग – रग में है बहता, चाटुकारों की महफिल में कोई पसंद नहीं है करता,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 217 Share