Akshay patel "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Akshay patel 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत है मेरी सांप की,मानवता की ढाल है। जहरीला मेरा दंश है, प्रकृति बेहाल है। प्रकृति की लाश पर ,प्रगति का मंच है। बुद्धिमत्ता श्रेष्ठ है ,फितरत ही प्रपंच है।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 233 Share