Tarun Singh Pawar "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Tarun Singh Pawar 2 Jul 2023 · 1 min read फितरत तुम्हे किस्सा सुनादूं आज, मैं फितरत अजीब का। लोगों ने दिया धोखा, उस बदनसीब का।।1।। फितरत में था उसकी, सबको बांटना खुशी। लोगों ने उसके साथ, उसकी छीन ली हंसी।।2।।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 169 Share Tarun Singh Pawar 2 Jul 2023 · 1 min read फितरत इंसान की.... इंसान की फितरत में, रंग बदलना आम है। कब कहां किसे मिलें, जहां जिससे काम है।।1।। अब तो बिना मतलब के, कोई याद नहीं करता है। मानो हमसे लिया उधार,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 4 456 Share