Smriti Singh Poetry Writing Challenge 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Smriti Singh 15 Jun 2023 · 1 min read भूसा हर बार चुप नहीं रहा जाता, अब मुंह में भूसा घुसा दो, वही भूसा जो तुम्हारे दिमाग में, तुम्हारे मन में, देह में भरा पड़ा है इतने हल्के होते जा... Poetry Writing Challenge 2 1 137 Share Smriti Singh 15 Jun 2023 · 1 min read ताकतवर औरतें पैर दबाती औरत क्षीर सागर में शेषनाग के नीचे ब्रह्मांड की सबसे अमीर औरत धरती पर वही औरत एक राजा की रानी बनी और जंगल में युवराज जन्मी और किसी... Poetry Writing Challenge 2 107 Share Smriti Singh 15 Jun 2023 · 1 min read बुझा टांग कर रूह को, जिस्म हम खींचे हुए सर्दियों में आंख मसलते , सुबह हम उठे, कुछ खीझे हुए, वो बचपन याद आता है, जो हम घर पहुंचे, शाम को... Poetry Writing Challenge 1 235 Share Smriti Singh 15 Jun 2023 · 1 min read पड़ा हुआ हूँ छित्त -विछित्त मैं पड़ा हुआ हूँ अपने घर से लाओ चाकू थाली चीर -चीर ले जाओ, चमड़ी मांस नहीं है, इसमें लात मारकर जाओ न महक रहा रक्त मेरा, और... Poetry Writing Challenge 202 Share Smriti Singh 15 Jun 2023 · 1 min read अचेतना से चेतना तक हृदय के निलय- आलिंद को मंद पड़ने न दो चिंघाड़ती, दहाड़ती आवाज न सही पर बोलती हुई जिह्वा को रुकने न दो मार्मिक दृश्य हैं, दशा दुर्दशा है, इक टांग... Poetry Writing Challenge 1 179 Share Smriti Singh 15 Jun 2023 · 1 min read धुंआ डरी आंख नहीं थी, डरी शक्ल थी धुंआ बहुत था पर आग नहीं थी, सुबह न जाने किसकी, राख बहुत थी, हम डरने के अभ्यस्त थे, माहौल था, पर डरने... Poetry Writing Challenge 197 Share Smriti Singh 15 Jun 2023 · 1 min read धोखा इक धोखा, जिसमें ‘खा’ नहीं है सिर्फ ‘धो’ है, जिसमें सत्ता वही है पर खुद को लोकतंत्र से धो रहा है, इक धोखा, जिसमें ‘धो’ नहीं है सिर्फ ‘खा’ है,... Poetry Writing Challenge 216 Share Smriti Singh 11 Jun 2023 · 1 min read मैं सहज हूं मैं सहज हूं, हर बात में सहज हूं नोच लो, खरोच लो, चीर दो घसीट लो, दबोच लो, ढकेल दो या उठाने फेंक दो, वासना की हद तक, तुम मेरा... Poetry Writing Challenge 1 92 Share Smriti Singh 11 Jun 2023 · 1 min read नारी नीर कुछ लोग' चाहतें हैं, हम औरतें पानी की तरह रहें, आयतन कुछ भी हो, पर हर आकार में ढ़लें, कोई पत्थर भी मारे, तो भी लहरायें, सारे रंग में रंग... Poetry Writing Challenge 94 Share Smriti Singh 11 Jun 2023 · 1 min read हम गाली हैं कुछ ना कहना दुनिया से, कह देना हम गाली हैं आगे- आगे दुनिया वाले, पीछे हम मवाली हैं ढेरे पड़े हैं सड़कों पे हम , भरी हुई इस दुनिया में... Poetry Writing Challenge 1 87 Share