Maroof aalam Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read गुनाहों की गौद मे पलता रहा इंसान गुनाहों की गौद मे पलता रहा इंसान सदी दर सदी यूहीं ढलता रहा इंसान मिट्टी के कीड़ों ने हड्डियां भी न छोड़ीं कब्र के अंधेरों मे गलता रहा इंसान चीख... Poetry Writing Challenge 104 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read जहन मे सौ सौ बार आया था वो जहन मे सौ सौ बार आया था वो हर बार मगर लगता साया था वो उसे दिल में बसा रखा है अभी भी किस मुँह से कहोगे पराया था वो... Poetry Writing Challenge 1 1 108 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read उजाले लापता हैं और कोई गवाह नही है बियाबान है जंगल यहाँ कोई सदा नही है दम सा घुटता है अब कहीं भी हवा नही है खमोशी से आकर छा गए सब और अंधेरे उजाले लापता हैं और... Poetry Writing Challenge 130 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read जमीं को थामे रखता हूँ तो हाथों से सितारे जाते हैं गली गली हथकड़ियों मे बांध कर गुजारे जाते हैं सलीबों पे मसीहा आज भी टांग कर मारे जाते हैं खुद्दारों की लाशों पे पहले भरपूर नुमाइश होती है एक अरसे... Poetry Writing Challenge 146 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read दबाव नही रक्खा कब जले कब बुझे कुछ याद नही रक्खा हमनें चरागों पर कभी दबाव नहीं रक्खा अपनी हैसियत में जिंदगी गुजर बसर की अनमोल चीजों पर अपना हाथ नहीं रक्खा वो... Poetry Writing Challenge 170 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read कश्तियों के समुंदर मे उतर जाने के बाद कश्तियों के समुंदर मे उतर जाने के बाद काफिला पलटता नही गुजर जाने के बाद अपने गुनाहों की तौबा कर चुका हूँ अब मुश्किल है बिगड़ना सुधर जाने के बाद... Poetry Writing Challenge 106 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read मन मे फालतू के सवाल लिए फिरता है झूठा दबदबा झूठा रूआब लिए फिरता है वो फसादी है नया टकराव लिए फिरता है भला समंदर भी किसी ने उलीचा है कभी मन मे फालतू के सवाल लिए फिरता... Poetry Writing Challenge 231 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read चाहत की गर्मी मे जलते क्यों नही चाहत की गर्मी मे जलते क्यों नही प्यार का मौसम है बदलते क्यों नहीं बहुत कहते थे मीलों चल सकता हूँ अब रूक क्यों गये चलते क्यों नहीं देखो ये... Poetry Writing Challenge 213 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read तूने जो कही थी मन मे वो बात दबी है अबतक अबतक तूने जो कही थी मन मे वो बात दबी है अबतक दिन के उजालों के पांव तले रात दबी है अबतक अछूतों से मतलब की वो बात तो हंसकर... Poetry Writing Challenge 92 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read आईनों पर दाग की सिफारिश ना कर आईनों पर दाग की सिफारिश ना कर तू बेवजह आग की सिफारिश ना कर मैं तुझे जन्नत बसाकर दे सकता हूँ पर उजड़े हुए बाग की सिफारिश ना कर पहले... Poetry Writing Challenge 215 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read मरते बस इंसान हैं बम नही मरते,तोपें नही मरतीं गोलियां नही मरतीं,बंदूकें नही मरतीं मरते बस इंसान हैं जंग के बाद का नुकसान कोई फरिश्ता नही भरता भरते बस इंसान हैं गोलियां नही मरतीं... Poetry Writing Challenge 274 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read हम से कहता है वो हम मार दिए जायेंगे सरे राह मौत के घाट उतार दिए जाऐंगे हमसे कहता है वो हम मार दिए जाऐंगे दरख़्त से कहो गफलतो से बाहर निकले तेरी शाख के पत्ते वरना झार दिए... Poetry Writing Challenge 158 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read क्या बात हुई आपस मे,क्या राज छुपाए हैं तुमने क्या बात हुई आपस मे, क्या राज छुपाए हैं तुमने तख्तों की हेराफेरी की है, या ताज छुपाए हैं तुमने गहरी कब्रों से निकलेगा, कल के मलबों का वो ढेर... Poetry Writing Challenge 207 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read अपनी सदाकत के अरकान नही मरने दिए अपनी सदाकत के अरकान नही मरने दिए जमीन मे मिल गये अरमान नही मरने दिए अपने अंदर के जलजलों को रवां दवां रखा अपने ख्यालातों के तूफान नही मरने दिए... Poetry Writing Challenge 249 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read बंजर करके छोडे़गा और कितना बवंडर करके छोड़ेगा वक़्त क्या सब खंण्डहर करके छोड़ेगा हाकिम खुश है अपने फैसलों पर लगता है सब बंजर करके छोड़ेगा ये क्या कम है कि तूने दिल... Poetry Writing Challenge 220 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read तेरा ये रोना और रो रो कर फलक पे नजर करना जिल्लतों से राब्ता करके इज्जतों का सफर करना क्या इसे ही कहते हैं मेरे दोस्त जिंदगी बसर करना ये क्या कम है बस्तियाँ फूंक दीं घर बार जला दिए इससे... Poetry Writing Challenge 226 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read बहुत खलता है बहुत खलता है जब छोड़ना पड़ता है अपना घर अपना आंगन भले ही हो वो शहर मे,या गांव में धूप में या घने जंगल की छांव में पक्का पलस्तर चढ़ा... Poetry Writing Challenge 187 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read तुमको ताब क्यों नही है क्यों बेताब हो तुम तुमको ताब क्यों नही है क्यों बेताब हो तुम जलने वालो बताओ क्या आफताब हो तुम ये जर्जर गुम्बद तुम्हारी झुकती क्यों नही है जिसमे कैद हैं दिवाने क्या वही... Poetry Writing Challenge 124 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read इंसानों के खूंखार चेहरों से डरते हैं अब इंसानों के खूंखार चेहरों से डरते हैं अब जमीन पे फरिश्ते भी कम उतरते हैं अब उखड़ी सड़कों पर कभी निकलकर देखो कुत्ते बिल्ली की तरह लोग मरते हैं अब... Poetry Writing Challenge 56 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read रूह कब्ज करो हथेली पर जान को उतारो रुह कब्ज करो, हथेली पे जान को उतारो रु-ए-जमीं पर कभी आसमान को उतारो हम अर्जी देकर थक चुके हैं अब तो कभी नक्शे कागज पर हमारे मकान को उतारो... Poetry Writing Challenge 166 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read याद नही रखता किसी को दिल के ज्यादा पास नही रखता मैं समंदर हूँ कभी अधूरी प्यास नहीं रखता सफर में साथ आओ तो हमेशा याद रखना मेरे हमराही मैं किसी को खास... Poetry Writing Challenge 86 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read ये बताओ चांद तारों पे क्या लिक्खा जायेगा बेनूरी है अब नजारों पे क्या लिक्खा जाऐगा इस मौसम मे बहारों पे क्या लिक्खा जाऐगा दरवाजे पर तो मुझको गद्दार लिखा है उन्होंने सोचता हूँ अब दिवारों पे क्या... Poetry Writing Challenge 115 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read हम आदिवासी जंगल को खूब समझते हैं तेरे पैंतरे को तेरे दंगल को खूब समझते हैं हम आदिवासी जंगल को खूब समझते हैं हाकिम हमें ग्रहों की चाल मे मत उलझा हम,सूरज,चांद,मंगल को खूब समझते हैं उससे... Poetry Writing Challenge 88 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read तालाब गहरे क्यों नही हैं पहले जैसी बारिश सैलाब गहरे क्यों नही हैं नदी नाले पट गये तालाब गहरे क्यों नही हैं कौन लेकर उड़ गया खुशबू इन बागानों की फीकी सी है चमेली गुलाब... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 103 Share Maroof aalam 12 Jun 2023 · 1 min read और बाकी हिरन तमाशा देखते हैं जब मुझ पर जुल्म हुआ तुम खामोश रहे जब तुम पर जुल्म हुआ मैं खामोश रहा इस खामोशी का ना तुम्हे कुछ फायदा हुआ ना मुझे कुछ फायदा हुआ अगर... Poetry Writing Challenge 97 Share