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ज्योत जलाई जिसने बुद्धि की
प्रेमदास वसु सुरेखा
किसको समझाएं क्यों समझाएं
प्रेमदास वसु सुरेखा
कब तक दिवस मनाओगे
प्रेमदास वसु सुरेखा
देश में डाकी आयो रे
प्रेमदास वसु सुरेखा
मैं अपनी मर्जी का वीरा
प्रेमदास वसु सुरेखा
सांझा घटाव
प्रेमदास वसु सुरेखा
मैं अपवाद कवि अभी जिन।था हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
गायब गायब सब है गायब
प्रेमदास वसु सुरेखा
मैं आक्सीजन हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
गुलिस्तां हमारा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
हर डाली पर उल्लू बैठा क्यों ना धूम मचाएगा
प्रेमदास वसु सुरेखा
पर हिम्मत कभी हारी नही
प्रेमदास वसु सुरेखा
सुकड़ छाती
प्रेमदास वसु सुरेखा
हम हार गए अपनों से ही
प्रेमदास वसु सुरेखा
नौजवान
प्रेमदास वसु सुरेखा
दो टूक पसंद है मुझको
प्रेमदास वसु सुरेखा
हवस
प्रेमदास वसु सुरेखा
मां जीवन का सुख सागर
प्रेमदास वसु सुरेखा
प्रतिलिपि स्वयं का
प्रेमदास वसु सुरेखा
फिर आयेंगे दोस्तों
प्रेमदास वसु सुरेखा
जल्लाद
प्रेमदास वसु सुरेखा
एक अच्छा कवि
प्रेमदास वसु सुरेखा
क्या ये है आदमी
प्रेमदास वसु सुरेखा
देश का लूलू
प्रेमदास वसु सुरेखा
सेल्फी दुनिया
प्रेमदास वसु सुरेखा
ऊंचों का सा नाम
प्रेमदास वसु सुरेखा
कब तक वारन्ट
प्रेमदास वसु सुरेखा
क्या हुआ आपको ???
प्रेमदास वसु सुरेखा
विश्वास ही गायब
प्रेमदास वसु सुरेखा
जमाना था भाई नेक
प्रेमदास वसु सुरेखा