Kaushal Kumar Pandey आस Poetry Writing Challenge 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kaushal Kumar Pandey आस 3 Jun 2023 · 1 min read मन की आँखें खोल आँख मूंद लें चाहें वंदे मन की आँखें खोल। घोटालों में घुटी जिंदगी खोल जरा तू पोल।। वंदे मन की आँखें खोल।। मानव आज बना व्यापारी। इससे सारी दुनिया हारी।... Poetry Writing Challenge · कविता 154 Share Kaushal Kumar Pandey आस 23 May 2023 · 1 min read प्यार नहीं दे पाऊँगा गीत चाह प्यार की अब मत करना, प्यार नहीं दे पाऊँगा। बहुत दिनों तक साथ चला पर, साथ न अब दे पाऊँगा। नयन मूंद कर तुमको चाहा, कैसा पागलपन मेरा,... Poetry Writing Challenge · गीत 1 215 Share