हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हिमांशु Kulshrestha 25 Feb 2024 · 1 min read तेरी यादों की.. ये रात इस क़दर सहमी, ठहरी सी क्युं है लगता है आज फ़िर तेरी यादों की बारिश होगी फ़िर होगी बेदर्द तन्हाई उस में परछाई होगी तुम्हारी हिमांशु Kulshrestha Poetry Writing Challenge 150 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read प्रेम.. मौन रख कर होठों को आँखों से बाते आँखों की होने दो बहुत पावन है प्रेम प्रिये रूह से रूह का आलिंगन होने दो जिस्मों की ख्वाहिश रखें क्यूँ धड़कन... Poetry Writing Challenge 363 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read तुमसे बात करने एक फ़ायदा तो था, तुम से बात करने का होती थीं बातेँ तुम से और, मुस्कुरा जाता था मैं हिमांशु Kulshreshtha Poetry Writing Challenge 182 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read क्यों तुम... क्यों तुम इस क़दर मेहसूस होते हो होते नहीं, फ़िर भी क़रीब होते हो हिमांशु Kulshreshtha Poetry Writing Challenge 161 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read तुम जो आये.. आज अचानक तुम सामने आए तो कहने को कुछ बाकी ना रहा बस यूँ ही देखते रहे तुम्हें टकटकी लगा कर, और.. वक़्त यूँ ही बीतता रहा सोचा मैंने, तुम्हें... Poetry Writing Challenge 158 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read मेरा दिल.. एक बलबला सा है सीने में.... देख कर उनको साँसे हुई जा रहीं बेलगाम ऐसे ही तो मेरी जिन्दगी नहीं बन गए हैं वो मेरी जिंदगी से अलग तो नहीं... Poetry Writing Challenge 167 Share हिमांशु Kulshrestha 14 Jun 2023 · 1 min read मोहब्बत.. मुझे तुम से बेपनाह मोहब्बत है एक ख़ामोश, आज़ाद मोहब्बत इसलिए तुम्हें किन्ही बेड़ियों में जकड़ना मुनासिब नहीं मुझे तुम से इश्क़ है रोमांस नहीं इसलिए, मेरी ख्वाहिशें जिस्म से... Poetry Writing Challenge 79 Share हिमांशु Kulshrestha 13 Jun 2023 · 1 min read सुनो... सुनो... छोटी बड़ी गाड़ियों की आवा जाही और जिंदगी की भाग दौड़ से अलग चाँदनी रात में सुनसान सड़क पर पकड़ कर मेरा हाथ क्या.. तुम चल सकोगी मेरे साथ??... Poetry Writing Challenge 1 64 Share हिमांशु Kulshrestha 13 Jun 2023 · 1 min read अब भी बाकी है.. कुछ अनकहे किस्से, चंद अधूरे ख्वाब, कुछ भूली बिसरी याद कुछ वादे - कुछ मुलाकात यही तो हैं... बाकी मुझमें जो अधूरी उम्मीद जगाती है साँसों को जारी रखती है... Poetry Writing Challenge 1 146 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read याद है तुम्हें... वो लम्हे जब तुम होती थीं, मैं होता था, यूँ कहो कि हम होते थे कुछ वादे होते थे आँखों आँखों में बातेँ होती थीं लब ख़ामोश हुआ करते थे... Poetry Writing Challenge 58 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read कफस लफ़्ज़ों के कहने को है बहुत कुछ जिसे हम छिपाते हैं अरमानों के आज़ाद परिंदे को कहाँ रास आते है कफस लफ़्ज़ों के ... इसलिए गढ़ लेते हैं किस्से दिल में और... Poetry Writing Challenge 93 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read वो एक शाम.. वो एक शाम जब आभासी दुनिया के फ़लक पर, पहली बार देखा तुम को अच्छा लगा था बरसों की खामोशी के बाद दिल ने चाहा कुछ शब्दों को बुनना, चुन... Poetry Writing Challenge 181 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read चलते-चलते चलते-चलते एक दिन हम यूँ ही निकल जाएंगे बन कर याद तुम में ठहर जाएंगे ग़र, आए भी याद, तो. आँसू बहाना नहीं वर्ना, बन के पानी तेरी आँखों से... Poetry Writing Challenge 301 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read बस यूँ ही... हमने कब चाहा.. ओढ़ लें चादर ख़ामोशी की.. कुलबुलाते ख्वाबों और मचलती हुई ख्वाहिशों को दबा दें अपने दिल की गहराईयों में कुछ इस तरह कि ज़ज्ब हो जाएं मेरी... Poetry Writing Challenge 159 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read नाम तुम्हारा.. मेरी जिंदगी के हर सफ़े पर नाम तुम्हारा था मेरे दिल की हर धड़कन में नाम तुम्हारा था. सोचा करता था हर लम्हा तुम को... अंधेरी रातों में ढूंढता था... Poetry Writing Challenge 1 165 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read जो अगर.. जो अगर बिखर भी जाऊँ टूट कर तो भी.. क्या कुछ ख़ास होगा मुमकिन है चंद आँखे हों पुरनम कुछ आ भी जाएंगे तबसिरा करने को मेरी जिंदगी पर, कुछ... Poetry Writing Challenge 1 274 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read माँ.. माँ तो बस माँ होती है दीया होती है जिन्दगी के अँधेरे में खुशियों में बच्चे की फुलझड़ी सी होती है. तू होती है तो क़दर होती नहीं जो साथ... Poetry Writing Challenge 106 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read एक तुम.. एक तुम ही तो थीं सुन कर जिसकी आवाज़ हो दर्द कितना भी मुस्कुरा देते थे हम, साँसों की गरमी तुम्हारी पिघला देती थी मेरे करीब छायी मायूसी को और,... Poetry Writing Challenge 95 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read किस क़दर... जो तुम्हें ख्वाहिश हो जानने की किस क़दर बुरा हूँ मैं आओ, बैठो पास मेरे, बूझ कर देखो शायद कुछ किस्से और मिल जाएं मेरी बुराई के हिमांशु Kulshreshtha Poetry Writing Challenge 2 1 70 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read तुम कौन हो तुम कौन हो चले आते हो झांकने मेरे मन आँगन में ज़मी यादों को! चले आते हो उद्वेलित करने मेरे अंतर्द्वंद को. और, मेरे विगत को मेरे सामने खड़ा कर,... Poetry Writing Challenge 249 Share हिमांशु Kulshrestha 12 Jun 2023 · 1 min read यूँ हर रोज़ यूँ हर रोज़ एक रात होती है बेसब्री से इंतजार होता है तुमसे मुलाकात का ख्वाबों में.. होगा हाथों में मेरे हाथ तुम्हारा कांधे पे तुम्हारे सर मेरा होगा बहुत... Poetry Writing Challenge 202 Share हिमांशु Kulshrestha 11 Jun 2023 · 1 min read प्रेम... प्रेम एक निर्मल, निश्छल, अनुपम अद्भुत एहसास है, आनंद है तन का, मन का... पर.... प्रेम श्रापित भी है, अभिशप्त भी नियति है इस की अधूरा रह जाना, सुलगना, तड़पना,... Poetry Writing Challenge 267 Share हिमांशु Kulshrestha 11 Jun 2023 · 1 min read हाँ, बदल गया हूँ मैं... हाँ, ये सच है मैं बदल सा गया हूं... अब कोई शिकायत नहीं होती ये नहीं कि.. कुछ बुरा नहीं लगता बस हर घड़ी याद रहता है तेरी हर तकलीफ... Poetry Writing Challenge 2 569 Share हिमांशु Kulshrestha 11 Jun 2023 · 1 min read कहने को है बहुत कुछ कहने को है बहुत कुछ जिसे हम छिपाते हैं अरमानों के आज़ाद परिंदे को कहाँ रास आते है कफस लफ़्ज़ों के ... इसलिए गढ़ लेते हैं किस्से दिल में और... Poetry Writing Challenge 72 Share हिमांशु Kulshrestha 11 Jun 2023 · 1 min read यूँ ही... यूँ तो काट ही लेंगे जिन्दगी हम जो उठेगी हूक, लफ़्ज़ों में उतार लेंगे हम बहुत मुश्किल होता है, बिछुड़ के जी पाना तो क्या, मर मर के ही सही... Poetry Writing Challenge 74 Share हिमांशु Kulshrestha 11 Jun 2023 · 1 min read इश्क़.. मुझे तुम से बे पनाह मोहब्बत है एक ख़ामोश आज़ाद मोहब्बत इसलिए तुम्हें किन्ही बेड़ियों में जकड़ना मुनासिब नहीं मुझे तुम से इश्क़ है रोमांस नहीं इसलिए मेरी ख्वाहिशें जिस्म... 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