Arun Kumar Poetry Writing Challenge 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Kumar 5 Jun 2023 · 1 min read दादा-दादी दादा-दादी के झरते आँसू, माँ! बतलाओ क्यों दिन-रात, अश्रु-प्रवाह के वावजूद भी, क्यों उनके अन्तस में प्यार। सतत उपेक्षा,पर-निर्भरता नित्य क्यों वर्तमान अभिशाप असह्य, एकल क्यों परिवार अवनितल, क्यों वृद्धों... Poetry Writing Challenge · बाल कविता 177 Share Arun Kumar 5 Jun 2023 · 1 min read गज़ल(बह्र-2122 2122 2122 212) हर किसी की आँख से पीकर नशा करता रहा नित नशे में हर कदम जीता रहा मरता रहा। झूमता था हर गली के मोड़ पर उन्माद में, शेखचिल्ली की तरह... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 1 179 Share Arun Kumar 5 Jun 2023 · 1 min read गीतिका देख ली संसार में क्या है कहानी प्यार की। असलियत दिखती नहीं है झूठ के संसार की। प्यार भी धोखा धरा पर खुशनुमा सा झूठ है, कुटिलता भी दिख रही... Poetry Writing Challenge · गीतिका 167 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read गीतिका दीन दुखी के आँसू पोंछे,अतिमानव कहलाते हैं। जो देते आँसू औरों को, छल से मन बहलाते हैं। सर्वभूत नश्वर धरिणीतल,नहीं सुरक्षा कवच कोई, कुछ ज्ञानी भी अज्ञानी भाँति, मन में... Poetry Writing Challenge · गीतिका(आधार छंद-लावणी) 1 221 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read मुक्तक मात्राभार(14) ************ 1- मधुपों का उपवन गुंँजार। कलिओं से अनवरत प्यार। नश्वरता जीवन का सच- सत्य-प्रेम अवनि पर सार। मात्राभार(16) *********** 2- अधरों पर मुस्कान चाहिए। जगतीतल सम्मान चाहिए। सत्य... Poetry Writing Challenge · मुक्तक छंद 186 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read वीणापाणि वेदमाता! वीणापाणि वेदमाता!, दिव्यालंकारभूषिता, वर दे। सर्वत्र व्याप्त, भूमण्डल मे, अज्ञान तिमिर, को छिन्न- भिन्न कर, ज्ञान -ज्योति से, मानव के अन्तर्तम को, ज्योतिर्मय कर, जगमग, कर दे। मानवीय मेधा को,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 153 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read दयनीय वृद्धावस्था शतरूपा सी कतिपय वृद्धाऐं, मनु मानिंद सम्मान्य वृद्ध अति, देवभूमि के पथ विभिन्न पर, दृश्यमान लाचार निराश्रित। क्रूर काल के कर कठोर ने, निस्तेज चारु मुखमण्डल पर, वक्र शिरामय रेखाओं... Poetry Writing Challenge · कविता 91 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read मैं क्यों अब जाऊँ मधुशाला अनुपम शिल्प कला कौशल से, प्रस्तर तल पर निर्मित आकृति, मानो बोल पड़ेगी पल में, प्राकृतिक ऐसी बाला सुकृति। रूपराशि यौवन अतुल्य, उस शिल्पकार की कलाकृति, चैतन्य विना भी मृदु... Poetry Writing Challenge · कविता 250 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read चाँदनी चूमती थी कभी जिनके पग चाँदनी चूमती थी कभी जिनके पग, तम में गहन अब कहीं खो गये हैं, धरा के सितारे रहे जो कभी थे, सितारों में अम्बर के चिर सो गये हैं। छलकते... Poetry Writing Challenge · कविता 210 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read अद्भुत मानव मन मानव-मन कितना अदभुत, कितना चंचल है धरती पर, कल्पना शक्ति का यही केन्द्र, उदभूत यहीं पर अभिलाषा। आकर्षण, लोभ बाँछना के, उत्पत्ति-कारक तत्व प्रभावी, सकल ज़रूरत भूतल पर, होतीं परिणाम... Poetry Writing Challenge · कविता 305 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read बाल कृष्ण लीला रहस्य बाल कृष्ण ने लीलाऐं कर, संदेश सूक्ष्म अति दिये विश्व को, कृष्ण मुरारी नटवर माधव, नाम दिये शुचि जनमानस ने। नवनीत दधि शुचि सार तत्व, होता ज्यों मात्र दुग्ध का... Poetry Writing Challenge · कविता 300 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read कुटिल वक्र रेखाऐं कुटिल वक्र रेखाएँ उरतल, खिंची,मिटी न कभी मिटाऐ, ताक रही मृत्यु जीवन को, सत्य किंतु उर को न भाऐ। पश्चाताप प्रवृत्ति दृग में, नहीं तनिक छविमान कहीं, जीवन में प्रतिशोध... Poetry Writing Challenge · कविता 235 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read क्यों है अँधियारों में जीवन कलिका, प्रतिपल रंग बदलती क्यों है, क्यों होते परिवर्तन अप्रियतर, अखियाँ प्रायः छलकती क्यों हैं। जीवन की संध्या में, अचरज, नियति संग बदलती क्यों है, ठोकर खाती... Poetry Writing Challenge · कविता 179 Share Arun Kumar 4 Jun 2023 · 1 min read चेतना हो? निसंदेह निर्झर की झर झर मेंं, नदियों की कलकल मेंं, सागर की सरगम मे, कौन हो तुम? चेतना हो? निसंदेह। विहगों के कलरव मेंं, भ्रमरों के गुँजन मेंं, कोकिल के मधु... Poetry Writing Challenge · कविता 1 187 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read तुम्हारा कुछ न बिगडेगा न पलकें यूँ झुकाओ तुम हृदय में प्यार जागेगा, तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा मनस अभिप्राय जागेगा। किसी उपवन की कलिका सी, तुम्हारी छवि शुचित कमनीय, नयन चितवन कँटीली अति, भृकुटि... Poetry Writing Challenge · गीत 1 333 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read देश मेरा अति प्यारा उपमहाद्वीप एशिया का देश मैरा अति प्यारा, गोलार्ध उत्तरी में स्थित सब देशों से न्यारा। जनसंख्या के दृष्टिकोण से, अत्यन्त सघन मेरा भी देश, मानव मूल्यों से आच्छादित, इसका सारा... Poetry Writing Challenge · गीत 297 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read आप भी चल दिये साँझ प्रिय ढल रही, लालिमा के पल लिये, हुए सुदीप प्रज्वलित, आप भी चल दिये। आप प्रेम सिन्धुवत, मात्र सुबिन्दु बाँछित, थाह भी पता नहीं, अपेक्षा ही बाँछित। सितारे कोटि... Poetry Writing Challenge · गीत 297 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read सबकुछ कहाँ किसी के पास सब कुछ कहाँ किसी के पास, लेकिन कुछ न कुछ सबके पास। कौन धरातल मानव ऐसा सुपरिचय जिसका न अभाव से, शुष्क नयन से मात्र निराश, सुखस्वप्नों की नहीं कोई... Poetry Writing Challenge · गीत 238 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read उतरेगा चाँद धरा एक दिन उतरेगा चाँद धरा एक दिन, होगा हृद प्यार भरा एक दिन। मधुप करेंगे गुँजन उपवन, कलिकाऐं भी मुस्कायेंगी, वायु बहेगी चारु सुहानी, विस्तारित गुनगुन का स्वर। आयेगी शक्ति परा एक... Poetry Writing Challenge · गीत 201 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read विकारग्रस्त मेधा शुचि मोह, दंभ से आवृत मेधा, सत्यासत्य से सदा अपरिचित, विवेक-शून्य हो मानव प्रतिपल, स्वयंसिद्ध होता नित पशुवत। स्वयं मात्र आत्मसंतुष्टि हितार्थ, प्रिय संबंधों में कटुता भर लेता, बाँटा करता... Poetry Writing Challenge · कविता 171 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read माँ होती तो कैसी होती माँ होती तो ऐसी होती, माँ होती तो वैसी होती, जीवनभर अनबुझी पहेली, माँ होती तो कैसी होती । क्या वत्सल गो माता जैसी, या नीरद में निहित नमी सी,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 452 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read माँ "माँ" मात्र नहीं कोई शब्द एक, अनुभूति सरस अभिव्यक्ति चारु की, शुचि मातृ-अंक सौभाग्य सुनिश्चित, मानव जीवन के शैशवाँस का। शुचि पंचम वेद अवनि के तल पर, सुस्मृति मधुरतम मनस... Poetry Writing Challenge · कविता 1 192 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read मानव प्रजाति मानव-प्रजाति बहुरंगी अदभुत, स्वार्थ-सिद्धि हित अगणित चाल, नित स्वयं ईश को भी छल जाता, पर दिखलाता निज उन्नत भाल। अन्य विभिन्न जीवधारी से भिन्न, मानव महत्व का एकमात्र गुरू, बुद्धि-विवेक... Poetry Writing Challenge · कविता 1 172 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read मूल्यवान पल का महत्व जुगनुओं का भी आलोक पर्याप्त है, संकल्प यदि मुक्ति पाना तिमिर से, निस्तेज मालिन्य महीतल पर क्यों, चैतन्य निश्चित चारु मिहिर से। मनस से मनुज क्यों तनावों ग्रस्त, माया से... Poetry Writing Challenge · कविता 1 387 Share Arun Kumar 3 Jun 2023 · 1 min read नश्वर सांसारिकता लोहित धधकती चिताओं के मेले, शुचित धूम के सघन घन अकेले, शमशान के दृश्य यद्मपि भयावह, अटल मृत्यु के सत्य तथ्यों से खेलें। निस्तब्धता के पल क्षण विलक्षण, साक्ष्य देते... Poetry Writing Challenge · कविता 157 Share