Prabhudayal Raniwal “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prabhudayal Raniwal 31 May 2022 · 1 min read पिता बिना संसार सूना ************************************* जिसने भी- अपने पिता का आशीष पाया। समझो! उसने- विधाता का आशीष पाया।।१।। पिता ही- "पिता परमेश्वर" का प्रतिरूप है। संतान के लिए- पिता ही ईश्वर का रूप है।।२।।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 12 1k Share Prabhudayal Raniwal 23 May 2022 · 1 min read पिता की पीड़ा ***************************** जीवन में आदमी- तभी खुश होता है। जब उसे- पिता का पद प्राप्त होता है।। और उस घड़ी तो, बहुत खुश होता है। जब उसको, "पुत्र-धन" प्राप्त होता है।।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 4 1k Share Prabhudayal Raniwal 23 May 2022 · 1 min read पिता का आशीष *********************************************** गुजरे दिन याद आते है आज भी मुझे। पिता की याद आती है आज भी मुझे।।१।। बचपना बिता है माता-पिता के संग में। खुब मौज-मस्ती की- दोस्तों के संग... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 6 6 1k Share Prabhudayal Raniwal 10 May 2022 · 1 min read पिता का सपना *********************************************** पिता चाहते है कि समाज सक्षम हो। समाज में हर एक बच्ची शिक्षित हो।।१।। मैं! अपने प्यारे पिता की वागीशा हूॅं। मैं! माता-पिता की बड़ी बालिका हूॅं।।२।। मेरी हार्दिक... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 10 14 1k Share Prabhudayal Raniwal 8 May 2022 · 1 min read पिता की नियति ************************************************* मंजिल तो, मैं पाकर ही रहूंगी। पिता का नाम! रौशन करूंगी।।१।। पिता की लाड़ली नियति हूॅं मैं। मंजिल दूर है अभी छोटी हूॅं मैं।।२।। माता-पिता की वीर पुत्री हूॅं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 12 1k Share