Dr Manju Saini “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 73 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Dr Manju Saini 12 May 2022 · 1 min read एक टीस पापा की कमी की शीर्षक: एक टीस पापा की कमी की एक टीस.. एक टीस रह रह उठती हैं मन मे की प्रश्न खड़े करती हैं टीस के जख्म दिखते नही किसी को पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 242 Share Dr Manju Saini 8 May 2022 · 1 min read आखिर क्यों पापा शीर्षक:आखिर क्यों पापा विलग होते हुए क्यो मन मे न उठे भाव कुछ कंपकंपाइ होगी काया याद कर परिवार मैं सोच आज भी शून्य सी असहाय सी विचलित लहू में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 2 235 Share Dr Manju Saini 7 May 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा मैं नही हूँ मौन शीर्षक:पापा मैं नही हूँ मौन आप की दी सीख आज भी साथ है मेरे आपने सिखाया मौन किसी समस्या का समाधान नही आप ही कहते थे कि घर की लक्ष्मी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 191 Share Dr Manju Saini 5 May 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा सी महत्वकांक्षा शीर्षक:पापा सी महत्वकांक्षा मेरी महत्वकांक्षा तो बहुत है और मन मे जिज्ञासा भी बहुतायत में और मेरे मन की ख्वाहिशें भी बहुत है पूर्णता चाहती हूँ मैं सभी मे पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 125 Share Dr Manju Saini 1 May 2022 · 1 min read पापा आपकी आवाज़ शीर्षक:पापा आपकी आवाज आपकी वो आवाज आज भी कानो में गूँजती हैं जब आप पुकारते थे एक नित नए प्यारे से नाम से मुझे आपकी आवाज़ सुनने को आज भी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 133 Share Dr Manju Saini 29 Apr 2022 · 1 min read जब साथ थे पापा शीर्षक:जब साथ थे पापा जब भी मैं घबरा जाती थी हिम्मत देते पापा, पास मैं उनके जब भी जाती प्यार से दुलारते थे पापा चाहे जितना दूर रहो आप फिर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 225 Share Dr Manju Saini 29 Apr 2022 · 2 min read पापा की याद में चंद बूंदे आंसू शीर्षक: पापा की याद में चंद बूंदे आंसू चंद बूंदे आंसू अनायास ही बस चलते हैं…. पापा आपकी याद यूँ तो रोज ही याद आती है रोज ही छलक जाती... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 192 Share Dr Manju Saini 29 Apr 2022 · 1 min read अलविदा कैसे कहूँ पापा शीर्षक:अलविदा कैसे कहूँ पापा कैसे कह दूं आपको अलविदा मेरे जिस्म में प्राण तो आप ही हैं आपकी यादों के बादल मेरे भीतर घुमड़-घुमड़ बरसते हैं तो आप ही बताओ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 120 Share Dr Manju Saini 28 Apr 2022 · 1 min read सिर्फ एक बार पापा शीर्षक: सिर्फ एक बार पापा आ जाओ सिर्फ एक बार पापा चलो चलते हैं अपने गाँव घूमने पापा कितना सुंदर नजारा था अपने गाँव का चाची ,ताई बैठाती थी पलको... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 114 Share Dr Manju Saini 28 Apr 2022 · 1 min read पापा का संदेश शीर्षक:पापा का संदेश गाँव से निकल न जाने कब पीढ़ी शहर आ गए अपने तो संस्कार गांव के घर ही भूल कर आ गए आँगन में मिट्टी के चूल्हे पर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 450 Share Dr Manju Saini 27 Apr 2022 · 1 min read पिता की तरह पिता की तरह उम्मीदे पिता की तरह सामने है मेरे। कुछ नहीं कहते पर रहते हमेशा साथ पिता।। न रोते हैं दुख में,न हंसते हैं खुशी में। कुछ नही कहते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 189 Share Dr Manju Saini 27 Apr 2022 · 1 min read मेरी उम्मीद थे पापा शीर्षक: मेरी उम्मीद थे पापा आपके बिना रहना तो दूर पापा सोचना भी मेरे लिए तो मुश्किल था आपसे ही तो मेरी उम्मीदे थी सारी दुनियां की मानो खुशियां थी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 134 Share Dr Manju Saini 27 Apr 2022 · 1 min read पापा आप बिन शीर्षक:पापा आप बिन कैसे रानी बिटिया हुआ करती थी मैं जब आप मेरे साथ थे जीवंत रूप में कैसे रानी बिटिया से अनाथ हुई समझ ही नही आया आखिर क्यों... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 173 Share Dr Manju Saini 27 Apr 2022 · 1 min read कितने दिन बीत गए पापा शीर्षक:कितने दिन बीत गए पापा न जाने अनगिनत दिन बीत गए आपसे रूबरू हुए कैसे हुआ ये कि आपकी बिटिया आपसे क्षणभर भी अलग नही होती थी तकदीर का लिखा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 130 Share Dr Manju Saini 26 Apr 2022 · 1 min read मेरे पापा कहते थे शीर्षक :मेरे पापा कहते थे समय बड़ा बलवान है पापा हमेशा कहते थे लौट कर कभी नही आता बस ये समझाते थे समय की कद्र करो यही पाठ पढ़ाया करते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 4 174 Share Dr Manju Saini 20 Apr 2022 · 1 min read पापा के दिए संस्कार शीर्षक: पापा के दिये संस्कार मेरी ख़ामोशी का मतलब यह नहीं कि मुझे दर्द नहीं होता या मुझे कुछ समझ नहीं आता मैं रिश्तों को निभाना जानती हूँ पापा के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 251 Share Dr Manju Saini 20 Apr 2022 · 1 min read सच मे पापा बहुत तकलीफ देता है.... पापा ख्वाबों मे .... ख्वाब बन रह जाना... बहुत तकलीफ देता है.... पापा की छाँव छीन जाना.... अदृश्य परछाई हो जाना.... बहुत तकलीफ देता है.... आपका... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 5 116 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा वो अंतिम क्षण बात सिर्फ ये नही कि मुझ से भुलाया क्यो नही जा रहा है पापा वो अंतिम क्षण जब तुम जा रहे थे दूर इतनी दूर जहां हम दोनों एक साथ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 3 156 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा हमेशा कहते थे पापा हमेशा कहते थे... अब उठा ले लेखनी शब्दों को रूप दे कागज और कलम के मिलन को सौप दे अब शब्दो से अपने काव्य में प्राण भर दे तेरा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 5 153 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पापा जवाब दो पापा क्या आप मेरी एक बात का जवाब देंगे क्या वो भी आपको कभी दहेज देंगे क्या जुर्म हैं आपका कि मैं बेटी हूँ क्या उनको हक हैं बेटा बेचने... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 117 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 2 min read अतीत के पन्नो में पापा शीर्षक:अतीत के पन्नो में पापा आज भी अतीत के पन्ने पलटती हूँ तो... मेरे पापा मुझे आज भी बहुत याद आते हैं। मेरे लिए धरती पर मेरे भगवान हुआ करते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 4 204 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक पापा तुम श्रद्धेय हो मेरे उऋण नहीं मैं हो सकती हूँ, बोलो कैसे हो सकती हूँ? आप मुझे धरती पर लाए अनगिन हैं उपकार आपके। सोचती हूं हर दम बस मैं करूँ समर्पित जीवन फिर... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 146 Share Dr Manju Saini 17 Apr 2022 · 1 min read शीर्षक:पिता मैं गुमसुम सी देखती रहती कि…. आप अकेले ही सब परेशानी झलते रहे आपने कभी साझा करना चाहा ही नही अपने कष्टों को,परेशानी को आप सदैव ही छुपाते रहे कि... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 136 Share Previous Page 2