Jyoti Khari “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jyoti Khari 5 May 2022 · 4 min read पिता:सम्पूर्ण ब्रह्मांड जब हम छोटे थे, गिरते थे, कदम लड़खड़ाते थे। तब वो पिता ही थे, जो हाथ थामकर चलना हमें सिखाते थे। हमारी नन्ही- सी मुस्कान के लिए, घोड़ा बनकर पीठ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 20 22 922 Share Jyoti Khari 8 Jun 2022 · 1 min read पिता:एक अनूठी अभिव्यक्ति पिता ने संघर्षों को चुना या संघर्षों ने पिता को चुना... यह मैं आज तक ना समझ पायी। बस इतना मालूम है... पिता ही हैं जिनके कारण, मेरे जीवन में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 20 42 648 Share