Rani Singh साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rani Singh 20 Jul 2021 · 4 min read भविष्य की परिकल्पना दलित बस्ती की परबतिया की तीन बेटियाँ हैं। वैसे परबतिया को सब कुर्सेला वाली ही कहते हैं। उसका घर वाला मने कि उसका पति है बेचन ऋषि। अब गाँव-घर में... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 5 771 Share Rani Singh 20 Jul 2021 · 3 min read अपनी जिंदगी अपने तरीके पिछले दो सालों से दोनों बेटों के विदेश में सेटल होने के कारण 65 वर्षीय आनन्द एकाकी जीवन बिता रहे थे, क्योंकि पत्नी भी पंद्रह साल पहले ही स्वर्गवासी हो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 459 Share Rani Singh 18 Jul 2021 · 10 min read रौशन गलियों का अंधेरा "अरी ओ चंचल...! सुन काहे नहीं रही हो ? कब से गला फाड़े जा रहे हैं हम और तुम हो कि अनठा के चुप बैठी हो। आ कर खा लो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 2 505 Share Rani Singh 17 Jul 2021 · 6 min read तुम्हारा राम "कजरी, कजरी....! अरी ओ कजरी।" कजरी की पड़ोसन झूमरी खुशी से चहकती हुई कजरी के आँगन में आयी। "अरे, का हुआ ? काहे सुबह-सुबह गला फाड़ रही है।" चापानल पर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 610 Share Rani Singh 17 Jul 2021 · 7 min read आप से तुम तक आप से तुम तक निधि और रितिक की शादी धूमधाम से सम्पन्न हुई। निधि हजारों सपनों और अरमानों को संजोए विदा हो कर ससुराल आयी। घर में मेहमानों की गहमा-गहमी,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 687 Share