Vedha Singh “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vedha Singh 13 Jun 2021 · 1 min read बारिश बारिश की बूंदें गिरी, घिरी घटा घनघोर। बिजली चमकी जोर से, मेघ मचाए शोर।। मेरा मन तो चल पड़ा, खुले गगन की ओर। खेलूँ बूँदों संग मैं, होकर भाव विभोर।।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 6 328 Share Vedha Singh 13 Jun 2021 · 1 min read बरसात हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से, घिरी घटा घंघोर| पेड़ संग में झूल रहे सब, पत्ते करते शोर| बादल करते घनर-घनर कर, बारिश का एलान| पक्षी उड़ते आसमान में, छेड़े मधुरम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 3 514 Share