उमा झा “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid उमा झा 28 May 2021 · 1 min read होती जब घमासान वर्षा की कहर दुबक दुबक कर बैठे सब अपने घर, होती जब घमासान वर्षा की कहर । समय समय पर बिजली कड़की, शांत चित वाली धरती भी धड़की, बादल गर्जना कर देता झिड़की,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 16 559 Share