Shekhar Kumar “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shekhar Kumar 4 Jun 2021 · 1 min read जब बारिश की बूंदें, धरातल को चूमती हैं बरसात के मौसम में, कण-कण भींगा जाती है बादलों की कडकडाहट, कोई गीत सुना जाती है चमक ऐसी क्षण के लिए उजेला भर देती है जब बारिश की बूंदें, धरातल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 4 359 Share Shekhar Kumar 28 May 2021 · 1 min read ये कितनी हसीन बरसात हुई ये कितनी हसीन बरसात हुई आज इश्क की बात हुई बारिश की बूदों में उनसे मुलाकात हुई भीगीं राहें थमी नहीं, ये कितनी हसीन बरसात हुई बेवसी सारी दूर हुई... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 6 370 Share Shekhar Kumar 28 May 2021 · 1 min read मौसम खिला हैं, बरसात आओ न मौसम खिला हैं, बरसात आओ न तन्हाइयों से भरी जिंदगी बहलाओ न महकाती जीवन लाओ न मजबूरीया छिपा घटायों पर, खिलखिलाते मौसम बनाओ न तिलमिलाती प्यास बूझाओ न ये बादल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 224 Share