Sheela Gahlawat Seerat “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sheela Gahlawat Seerat 21 May 2021 · 1 min read बरसे बादल (ग़ज़ल) घिर आये हैं काले बादल तुझको क्या देंगे ये बादल कोख ज़मीं की हरी हुई है जब-जब भी हैं बरसे बादल बारिश होगी ख़ूब यहाँ पर उमड-घुमड़ कर आये बादल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 4 403 Share Sheela Gahlawat Seerat 18 May 2021 · 1 min read बरसात (आसमान से बरसे हैं घन) ग़ज़ल (काव्य प्रतियोगिता) आसमान से बरसे हैं घन पुलकित होता मेरा तन-मन जबसे बारिश नाची आकर हरा-भरा है मेरा आँगन वर्षा-सावन अच्छे लगते कब भाता आँखों का सावन खेतों में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 4 403 Share