संजीव शुक्ल 'सचिन' “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Jun 2021 · 1 min read पावस की छटा...!! पावस की छटा ( मत्तगयंद सवैया = भगण X 7 +गुरु+गुरु ) ________________________________________________ छाय रही घनघोर घटा, अरु दादुर कोयल गीत सुनाये। श्यामल मेघ दिखे अति सुंदर देख किसान जिसे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 7 1 831 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jun 2021 · 1 min read पावस ऋतु पावस ऋतु घनघोर काली घटा, सांवली लगे हैं छटा- उमड़ - घुमड़ कर, नीर बरसा गया। सजल सघन घन, भूमिपुत्र का है धन- बूंद बन कनक का , मन हरषा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 5 2 562 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 May 2021 · 1 min read बरसाती विरह दुर्मिल सवैया में 24 वर्ण होते हैं। छंद के पद आठ सगणों यानि सलगा यानि लघु लघु गुरु या ।।ऽ से बनते हैं। यानि, दुर्मिल सवैया = सगण X 8... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 6 631 Share