Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 25 May 2021 · 1 min read आ ही गई बरसात लो आज आ ही गई बरसात कब से इंतजार में बैठे थे हम और तुम गुमसुम गुमसुम प्यासे पशु पक्षी कितना परेशान थे आशा में जिंदा थे दिखते बेजान थे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 7 713 Share