Rahul Prasad “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Rahul Prasad 23 May 2021 · 2 min read बरसात - आपौ: दिव्यम बरसात - आपौ: दिव्यम प्रकृति का सूखा हुआ हर एक शरीर सुख, आनंद, तपिश, दुःख और पीर बूंदों के ताबड़तोड़ चला कर तीर सब कुछ गीला कर देती है बरसात... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 3 313 Share