Rahul Gaur “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Rahul Gaur 20 May 2021 · 1 min read कल शाम कल शाम जब प्रकृति मुस्कुराई थी, जब बादल फट पड़े थे अपने अंतर को उड़ेलते से, और यह हवा कुछ पगलाई थी, याद है? उन पत्तों पर तैरती बूँदों की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 5 864 Share