Dr. Pratibha Mahi “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Pratibha Mahi 12 Jun 2021 · 1 min read कहीं रिम झिम फुहारें हैं कहीं रिम झिम फुहारें हैं, कहीं तूफां का मंज़र है कहीं गुल खिलते उल्फत के, कहीं ग़म का समन्दर है है कुदरत ने विचारा क्या, कहें मनसूबे क्या उसके बरसता... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 5 3 436 Share Dr. Pratibha Mahi 10 Jun 2021 · 1 min read छम छम नाच रहीं हैं बूँदें छम छम नाच रहीं हैं बूँदें गातीं सरगम कानों में। मचल रहा है दिल उल्फ़त का कोयल कूँके बागों में । छम छम नाच रहीं हैं बूँदें......! कोलाहल करती है... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 4 517 Share Dr. Pratibha Mahi 10 Jun 2021 · 1 min read कहीं छाँव कहीं धूप कहीं छाँव कहीं धूप खिली है कहीं जोर से सावन बरसे कहीं दीप जलते खुशियों के कहीं दुखों का सागर उमड़े कहीं उजाला कहीं अँधेरा कहीं आँख से आँसू झरते... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 4 468 Share Dr. Pratibha Mahi 10 Jun 2021 · 1 min read घुमड़ घुमड़ कर, नाचै रे गीत----घुमड़ घुमड़ कर, नाचै रे *********************** आज अचानक , दिल क्यूँ मेरा, घुमड़ घुमड़ कर, नाचै रे । हर आहट पर, हो भौचक्का पलक फाँवढ़े साजै रे । आज आचनक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 3 1 347 Share Dr. Pratibha Mahi 24 May 2021 · 1 min read बिन मौसम बरसात बिन मौसम बरसात ,मेरे घर आई है उस रब की सौगात ,मेरे घर लाई है खुशियों ने डाला है डेरा आकरके दुःख ने ली अंगड़ाई रूप सजाकर के दिल बिच... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 4 366 Share