Pawanesh Thakurathi “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pawanesh Thakurathi 19 May 2021 · 1 min read भीगें प्रेम की बारिश में आओ सुनहरे सपने ओढ़ें, नफरत से अपना नाता तोड़ें। भीगें प्रेम की बारिश में।। देखो सुहाना मौसम है, फिर तुमको काहे का गम है खो जायें बूदों की आतिश में।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 3 298 Share Pawanesh Thakurathi 19 May 2021 · 1 min read भीग रहे थे हम अंदर घुमड़ रहे थे मेघ मन के, बहता था भावों का समंदर। बाहर बारिश हो रही थी, भीग रहे थे हम अंदर। खेल रहा था मौसम तब, अजब अनौखे खेल। बादलों... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 479 Share