नूरफातिमा खातून नूरी “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid नूरफातिमा खातून नूरी 19 May 2021 · 1 min read बरसात उमड़- घुमड़ कर बादल आये, काले - काले बादल छाये। कड़-कड़ बिजली कड़कने लगी, धरती मानो फड़कने लगी, पक्षी दुबक गए घोंसलों में, जान आयी नयी कोंपलों में, जामुनी से... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 6 433 Share