Manoj Kumar “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Manoj Kumar 11 Jun 2021 · 1 min read बरसात की बूंदे टप- टप टपक रहे है बूंदे बादल से । भीग रहे हैं, गोरी के रूपहरे केश। वो झूमती है मस्ती में इठलाती है। तर्र- तर्र मंडूक आवाज़ लगाए, देते कर्ण... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 500 Share