जगदीश लववंशी “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश लववंशी 21 May 2021 · 1 min read बरसात का मौसम खिल उठते है चेहरे, जब आती बरसात । झूम उठती है नदियाँ, आते तरु पर पात ।।१ मिट्टी उठती है महक, प्रकृति होती प्रसन्न । करते किसान बोवनी, तभी उपजता... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 7 458 Share जगदीश लववंशी 16 May 2021 · 4 min read बरसात की रात के आँसू जुलाई का महीना था, विद्यालय खुल चुके थे । मोहन ने अपने गाँव से आठवीं की परीक्षा उत्तरीण करने के बाद शहर में आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · लघु कथा 1 3 561 Share