Indu Verma “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Indu Verma 20 May 2021 · 1 min read बचपन और बरसात बरसात बूंद पड़ी ज्यों वसुंधरा पर, सौंधी खुशबू आई। बचपन की यादें सारी, आंँखों के सम्मुख छाई।। बच्चों की टोली का हुल्लड़, चिल्लाना,इतराना छप छप करते इक दूजे के पैरों... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 3 523 Share Indu Verma 20 May 2021 · 1 min read बरसात बरसात तेरा मेरा साथ हो संग बरसात हो दिन औ रात हो बस यही चाहिए चाय की सुंगध हो पवन गति मंद हो बूंदों के छंद हों बस यही चाहिए... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 4 421 Share