Rita Singh “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Rita Singh 1 Jun 2021 · 1 min read बदरिया ओ बदरिया अब तो बरसो मेरे देश बदरिया ओ बदरिया अब तो , बरसो मेरे देश । बूँद-बूँद को तरसी धरती,तरसे हैं परिवेश ।। तपती सड़कें तपते घर हैं तपते भवन अनूप सूखी नदियाँ सूखे पोखर सूख... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 3 5 607 Share